महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गए हैं. बीते दिनों कंगना के ऑफिस पर बीएमसी द्वारा की गई का’र्रवा’ई के बाद उनकी चौतरफा आलोचना हुई थी. तो वहीं अब वह और उनके बेटे (Uddhav or Aditya thackeray) एक बड़ी मु’श्कि’ल में फं’सते नजर आ रहे हैं.
दरअसल इन लोगों पर चुनावी हल’फ’नामे में संपत्ति और देनदारी की गलत या अधूरी जानकारी देने का आरोप लगा है। इस मामले को लेकर चुनाव आयोग ने शिका’यतों की जांच CBDT को सौंपी है।
उद्धव और आदित्या को हो सकती है जेल
जी हां एक तरफ सुशांत मामले को लेकर देश भर में आलोचना का सामना कर रही महाराष्ट्र सरकार। अब एक नई मुसी’बत में फं’सती नजर आ रही है. बीएमसी की का’र्रवा’ई को लेकर आलोचना का सामना कर रहे उद्धव ठाकरे (Uddhav or Aditya thackeray) पर अब चुनाव आयोग का शि’कं’जा कसने वाला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ दल शिवसेना और उसकी सहयोगी पार्टी एनसीपी के कुछ नेताओं के चुनावी हल’फना’मे में काफी अ’सं’ग’तियों के आरोप हैं। अपनी संपत्ति और देन’दारी की गलत या अधूरी जान जानकारी देने के चलते तीनों नेताओं को जांच का सामना करना पड़ सकता है।
इन तीन नेताओं में उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्या ठाकरे और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले शामिल हैं. बताया जा रहा है कि, अगर इन पर लगे आरोप सही साबित पाए जाते हैं. तो तीनों को 6 महीने की जेल हो सकती है. हालांकि अब यह तो जांच के बाद ही साफ हो पायेगा कि, आखिर क्या ग’ड़ब’ड़ी है और वह सही है या नहीं।
शिवसेना ने बताया- रूटीन मूव
चुनाव आयोग की कार्रवाई करने को लेकर शिवसेना की तरफ से भी बयान सामने आया. साथ ही इन तीनों नेताओं के अलावा भी इसमें दूसरे प्रदेश के नेता भी शामिल बताये जा रहे हैं. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सुले, उद्धव और आदित्य ठाकरे के अलावा गुजरात के विधायक नाथाभाई ए पटेल के खिलाफ शिका’य’तों को चुनावी पैनल की प्रशासनिक समीक्षा पर आधारित जांच के लिए भेजा गया है। उद्धव और आदित्य ठाकरे का हल’फना’मा दाखिल करने वाले शिवसेना नेता ने इसे रूटीन मूव बताया।
इस वजह से सीबीडीटी को भेजी गई जांच
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिका’यतक’र्ताओं ने अपने दावे के समर्थन में कुछ सा’म’ग्री का हवा;ला दिया है जिससे पता चलता है कि इन नेताओं के हल’फना’मे में लिखी गई डीटेल सही नहीं है। माना जा रहा है कि इसी वजह से चुनाव आयोग ने मामले को सीबीडीटी को भेजा है।
तो हो सकती है 6 महीने की जेल
रिपोर्ट्स के मुताबिक,चुनाव आयोग को का’र्रवा’ई के लिए सीबीडीटी से अपडेट का इंतजार है। अगर नेताओं पर लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए जाते हैं तो रिप्रजेटेंशन ऑफ पीपल ऐक्ट की धा’रा 125 ए के तहत सीबीडीटी केस दर्ज किया जा सकता है। इस से’क्श’न के तहत अधिकतम 6 महीने की जेल या जु’र्मा’ना या फिर दोनों लगाया जा सकता है। बहरहाल अब यह जांच आने के बाद ही साफ हो पायेगा कि, आखिर इनको जेल होती है या नहीं।