सुशांत केस: फिल्म प्रोड्यूसर दिनेश विजन के घर और ऑफिस पर ED का छा’पा, होगा बड़ा खुलासा!

सुशांत राजपूत मामले में इस वक्त एक बड़ा अपडेट सामने आया है. दरअसल सुशांत मामले की जांच को लेकर ईडी के अधिकारियों ने फिल्ममेकर दिनेश विजान (ED Raid at Dinesh Vijan Office and Home) के घर और ऑफिस पर सर्च ऑ’परे’शन के लिए पहुंची. बताया जा रहा है कि, ईडी पैसों से जुड़े लेनदेन को लेकर कुछ दस्तावेज देख रहे हैं. हालांकि अब यह तो बाद में ही साफ़ हो पायेगा की अचानक ईडी ने फिल्म डायरेक्टर के ऑफिस और घर पर छा’पा क्यों मा’रा है.

आपको बता दें कि, दिनेश विजान के साथ सुशांत ने फिल्म राब्ता में काम किया था. इसमें सुशांत के अपोजिट एक्ट्रेस कृति सेनन थीं. बताया जा रह है कि, इस फिल्म को लेकर की गई पेमेंट सवालों के घे’रे में है जिसकी ईडी जांच कर रही है.

दिनेश विजान के घर-ऑफिस पर ईडी के छा’पे

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुशांत को विजान द्वारा 2016 में पेमेंट की गई थी. विजान से इस सिलसिले में ईडी दो मौकों पर पूछताछ कर चुकी है. ईडी (ED Raid at Dinesh Vijan Office and Home) ने विजन से सुशांत के साइनिंग अमाउंट से जुड़े डॉक्यूमेंट और दूसरी जानकारी मांगी थी.

ED at dinesh vijan house

सुशांत केस को लेकर ईडी ने पिछले दिनों श्रुति मोदी और उदय सिंह गौरी से भी पूछताछ की. उदय सिंह गौरी ने सुशांत का अकाउंट संभाला था.

राब्ता हुई थी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप

बता दें, फिल्म राब्ता 9 जून 2017 को रिलीज हुई थी. इस मूवी से दिनेश विजान (DInesh Vijan FIlm Rabta) ने बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू किया था. ये एक रोमांटिक-ए’क्शन मूवी थी. राब्ता को दिनेश विजान ने को-प्रोड्यूस भी किया था. फिल्म में सुशांत और कृति के अलावा जिम सरभ, राजकुमार राव और वरुण शर्मा भी अहम रोल में थे.

sushant or kriti sanon rabta promotion

फिल्म में पु’नर्ज’न्म का एंगल दिखाया गया था. रिलीज से पहले इस मूवी को लेकर काफी बज बना था. लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद फ्लॉप साबित हुई. मूवी में पहली बार कृति संग सुशांत की जोड़ी बनी थी.

सुशांत को नहीं दिया गया था ज’हर

सुशांत के परिवारवालों का कहना था कि एक्टर सु’सा’इड जैसा कदम नहीं उठा सकते हैं. उन्होंने सुशांत के म’र्डर की बात कही थी. सुशांत को ज’हर देने का आरोप लगाया था. लेकिन पिछले दिनों सामने आई एम्स के डॉक्टरों की रिपोर्ट से साफ हुआ है कि सुशांत को किसी तरह का जह’र नहीं दिया गया था. एम्स की रिपोर्ट में सुशांत के म’र्ड’र की थ्योरी को गलत बताया गया. एम्स की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सीबीआई इस केस को लेकर अंतिम फैसले पर पहुंचेगी.

एम्स की रिपोर्ट के बाद विकास सिंह ने सीबीआई को लिखा था लेटर

एम्स द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद वकील विकास सिंह (Lawyer Viks SIngh Write to CBI Over AIIMS Report) ने सीबीआई डायरेक्टर एक लेटर लिखकर कई सवाल खड़े किये थे. सीबीआई को लिखे लेटर में रिपोर्ट को गलत बताते हुए उन्होंने कहा था कि, इस मामले को सीबीआई की ओर से गठित किसी अन्य फॉ’रें’सिक टीम को रेफर किया जाए।

विकास सिंह ने लेटर में कहा कि, सुशांत सिंह केस में एम्स की ओर से सीबीआई को सौंपी गई जांच रिपोर्ट के बारे में वह मीडिया में पढ़ रहे हैं। जांच टीम का हिस्सा रहे कुछ डॉक्टर भी टीवी पर बयान दे रहे हैं। हालांकि, बार-बार प्रयास के बाजवूद हमें रिपोर्ट की कॉपी नहीं दी गई है। यदि ली’क रिपोर्ट सही है तो यह अ’पर्या’प्त सबूतों से प’क्षपा’ती नि’ष्क’र्ष निकालने वाला है।

पो’स्टमा’र्टम रिपोर्ट में समय न लिखे जाने पर भी दिया जवाब

टीम की तरफ से सुशांत की बॉ’डी पर मिले नि’शा’न को लेकर भी बड़ा बयान दिया गया. टीम ने बताया कि, अभिनेता के ग’र्द’न पर ‘लि’गे’चर मार्क’ का उल्लेख है लेकिन ‘उस पर कोई चो’ट’ नहीं मिला। पो’स्टमा’र्टम रिपोर्ट मौ’त के समय का जिक्र न होने के सवाल पर टीम ने कहा है कि मुंबई पुलिस ने मौ’त के समय को लेकर सवाल उठाए थे.

लेकिन अगली वि’स्तृ’त रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया कि, अभिनेता की मौ’त पो’स्ट मा’र्टम किए जाने से 10 से 12 घंटे पहले हुई थी। वहीं अब देखना होगा कि, अस्पताल की तरफ से दिए गए बयान पर अब विकास सिंह की क्या प्रतिक्रिया आती है.

कूपर अस्पताल के डॉक्टरों ने बताई रात में पो’स्टमा’र्टम करने की वजह

जाहिर है सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह (Lawyer Vikas singh Raise Questions on PM Report) ने एम्स की रिपोर्ट पर सवाल उठाये थे. वहीं अब इसपर कूपर अस्पताल के डॉक्टरों (Cooper Hospital doctors on Sushant PM Report) ने जवाब दिया है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रात के समय पो’स्टमा’र्टम करने के बारे में टीम का कहना है कि पुलिस ने उसी वक्त अभिनेता का पो’स्टमा’र्टम करने का अनुरोध किया गया था।

टीम का कहना है कि ऐसा कोई नियम नहीं है जो रात के समय पो’स्टमा’र्टम करने से रोकता हो। इस बारे में साल 2013 में एक सर्कुलर भी जारी हुआ है।

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