पिछले काफी समय से महाराष्ट्र सरकार और जांच एजेंसियों के बीच त’नात’नी देखने को मिल रही है. इन दिनों सीबीआई मुंबई में है और सुशांत मामले की जांच कर रही है. इसी बीच अब आज एक बड़ा आदेश जारी हुआ है. दरअसल अब से जांच एजेंसी सीबीआई (CBI Not Enter In Maharashtra without Permission of State Government ) बिना राज्य सरकार की परमिशन के प्रदेश में प्रवेश नहीं पा सकेगी।
जी हां इस खबर को सुनकर हर कोई हैरान है. इस वक्त बड़ी खबर आमने आई है और बताया जा रहा है कि, राज्य में केस की जांच के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से दी गई आम सहमति को उद्धव ठाकरे सरकार ने बुधवार को वापस ले ली। यानी, अब महाराष्ट्र में हर केस की जांच सीबीआई को करने से पहले उसे राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी।
बिना इजाजत के अब महाराष्ट्र में जांच नहीं कर सकेगी सीबीआई
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से एक बड़ा आदेश जारी हुआ है. अब यह तो तय है कि, इसको लेकर भी अब आने वाले समय में नया विवा’द देखने को मिल सकता है. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब बिना महाराष्ट्र सरकार (CBI Not Enter In Maharashtra without Permission of State Government) की इजाजत के सीबीआई राज्य में जांच नहीं कर सकेगी.
आपको बता दें कि, हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के आधार पर मंगलवार को एफआईआर दर्ज की थी। एक विज्ञापन कंपनी के प्रमोटर की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया गया था, जिसे बाद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीबीआई को सौंप दिया गया था। यह मामला टीआरपी में हेर’फेर से संबंधित है। वहीं अब इन सब के बीच यह बड़ा आदेश जारी कर दिया गया है. ऐसे में अब देखना होगा कि, इसपर अब क्या बयान सामने आते हैं.
टीआरपी विवा’द से जुड़ा है पूरा मामला
आपको बता दें कि, टीआरपी का यह क’थि’त घो’टा’ला तब सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ चैनल विज्ञापन दाताओं को लुभाने के लिए टीआरपी नंबरों में धां’ध’ली कर रहे हैं।
यह आरोप लगाया गया था कि कुछ परिवार जिनके घरों में दर्शकों के डेटा एकत्र करने के लिए मीटर लगाए गए थे, उन्हें तीन चैनलों द्वारा रि’श्चत दी जा रही थी। मुंबई के पुलिस कमिशनर परमबीर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रिपब्लिक टीवी और दो अन्य पर टीआरपी में हेर’फेर करने का आरोप लगाया था। मुंबई पुलिस की क्रा’इम ब्रांच ने दो और लोगों को टीआरपी मामले में गिर’फ्तार किया था, जिसको मिलाकर पूरे मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि बाद में ऐसी खबरें आई कि, जो एफआईआर दर्ज हुई थी उसे रिपब्लिक का नाम ही नहीं था. बहरहाल अभी इस मामले की जांच चल रही है.
ममता सरकार ने भी जारी किया था ऐसा आदेश
इससे पहले, आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने राज्य में छा’पे मा’रने और जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति को वापस ले लिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की बीजेपी नीत एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि वह सीबीआई और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जैसे महत्वपूर्ण भारतीय संस्थानों को ब’र्बा’द कर रही है।
आंध प्रदेश सरकार की तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में कानून के तहत श’क्ति’यों के इस्तेमाल के लिए दी गई ‘सामान्य रजामंदी वापस ले ली थी। ऐसे में अब सीबीआई आंध्र प्रदेश की सीमाओं के भी’तर किसी मामले में सीधे द’खल नहीं दे सकती है।
सुशांत मामले की जांच कर रही है सीबीआई
आपको बता दें कि, इस समय सीबीआई की एक टीम मुंबई में ही है. वह पिछले करीब 1 महीने से अधिक से सुशांत मामले की जांच कर रही है. सीबीआई के अधिकारी सुशांत मामले की तह तक जाने में लगे हुए हैं. इस बीच कई बार अन्य विवाद भी देखने को मिले हैं. महाराष्ट्र सरकार ने भी सवाल उठाये थे कि, इतना समय हो गया जांच करते हुए सीबीआई को क्या हासिल हुआ यह बताया नहीं।
गृह मंत्री अनिल देशमुख से लेकर संजय राउत कई बार सीबीआई पर सवाल उठा चुके हैं. वहीं हाल ही में सीबीआई की तरफ से एकम बयान जारी कर बताया गया था कि, मामले की जांच जारी है. कोई भी अपनी तरफ से कोई कयास न गाये और गलत बातें न करे। वहीं अब राज्य सरकार की तरफ से यह नया आदेश जारी होना काफी हल’चल पैदा करने वाला है. हालांकि इस आदेश का वर्तमान में चल रही जांच पर कोई असर नहीं पडेगा। लेकिन अब आगे जो अन्य मामलों की जांच होगी उसके लिए सीबीआई को राज्य सरकार से आदेश लेना होगा।