इन दिनों उत्तर प्रदेश में सियासी पारा काफी बढ़ा हुआ नजर आ रह है. हाल ही में उप चुनाव से पहले मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश की सियासत में हल’चल मचा दी थी. मायावती ने गुस्सा जाहिर करते हुए समाजवादी पार्टी पर कई आरोप लगाए थे. तो वहीं अब अखिलेश यादव (Akhilesh yadav Reveal Reason of Alliance with BSP) ने वो राज खोल दिया है कि, आखिर उन्होंने क्यों बसपा के साथ गठबंधन किया था.
साइकल को क्यों करनी पड़ी हाथी की सवारी
बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा लगाए गए आरो’पों के बाद अखिलेश ने पलटवार किया था. वहीं अब उन्होंने बड़ा खुलासा किया है जिसको जानने के लिए जनता बेताब थी. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav Reveal Reason Behind Alliance with BSP) ) ने पिछले साल लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन के फैसले का बचाव किया है. उन्होंने कहा है कि अब हा’लात बदल गये हैं और भाजपा तथा बसपा का एकमात्र लक्ष्य सपा को हराना है.
सोमवार को उन्नाव की कांग्रेस की पूर्व सांसद अनु टंडन को सपा में शामिल कराने के बाद अखिलेश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘‘सां’प्रदा’यिक’’ भाजपा को रोकने के लिए 2019 में बसपा के साथ गठबंधन करना जरूरी था. अखिलेश ने कहा, ‘‘डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की विचारधारा एक रथ के दो पहिए की तरह है, इसीलिए बसपा के साथ गठबंधन किया था.’’
बसपा और भाजपा के साथ पर क्या बोले अखिलेश
तो वहीं अखिलेश ने कहा- राज्यसभा और विधान परिषद के चुनावों में सपा प्रत्याशियों को हर कीमत पर हराने और इसके लिये भाजपा तक का साथ देने के बयान के बाद मायावती द्वारा आज भाजपा से कोई गठबंधन न करने का इरादा जताये जाने के बारे में पूछने पर अखिलेश ने कहा ‘जनता बेहतर जानती है.’
गौरतलब है कि सोमवार की सुबह मायावती ने मीडिया से बातचीत में सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उपचुनाव में सपा और कांग्रेस, बसपा के खिलाफ सा’जि’शन गलत प्रचार कर रही है, ताकि मुस्लिम समाज के लोग बसपा से अलग हो जाएं. मायावती ने यह भी कहा कि बसपा कभी भाजपा के साथ सम’झौता नहीं कर सकती.
कांग्रेस की पूर्व सांसद ने थामा सपा का दामन
जाहिर है बीते दिन उन्नाव की पूर्व सांसद अनु टंडन ने अपने 150 समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुईं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सपा में शामिल होने वाले अन्य प्रमुख नेताओं में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अंकित परिहार, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव शशांक शेखर शुक्ला, सदस्य वीर प्रताप सिंह, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजकुमार लोधी और बृजपाल सिंह यादव शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि पूर्व सांसद अनु टंडन ने हाल में प्रदेश नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी और पूर्व बसपा सांसद त्रिभुवन दत्त समेत कई प्रमुख लोगों ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी.