कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. देश भर से किसानों को समर्थन मिल रहा है, वहीं आज किसानों द्वारा बुलाये गए भारत बंद का असर भी देखने को मिल रहा है. इसी बीच अब अन्ना हजारे (Anna Hazare Support Kisan Andolan) भी किसान आंदोलन के समर्थन में खुलकर उतर आये हैं और उन्होंने किसानों के लिए अनशन शुरू कर दिया है. यही नहीं अन्ना ने देश भर के लोगों से अपील भी की है वह सभी इसमें साथ दें और हर जगह आंदोलन चलना चाहिए। उन्होंने सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, जब तक देश भर में आंदोलन नहीं चलेगा, तब तक सरकार पर दबाव नहीं बनेगा।
जाहिर है आज भारत बंद का असर हर तरफ देखने को मिल रहा है. मंडियों से लेकर पेट्रोल पंप तक कई जगह किसानों के भारत बंद के समर्थन में बंद हैं. हालांकि कई शहरों में इसका असर नहीं भी देखने को मिल रहा. लेकिन अब अन्ना हजारे का इस आंदोलन में शामिल होना किसानों को और ताकत दे सकता है.
अन्ना हजारे बोले- पूरे देश में चलना चाहिए आंदोलन
अन्ना हजारे ने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा, ‘‘ मैं देश के लोगों से अपील करता हूं, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए. सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की जरूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा. लेकिन कोई हिं’सा ना करें.’’
अन्ना हजारे (Anna Hazare support Kisan andolan) महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सड़कों पर आने और अपना मुद्दा हल कराने का यह ‘‘सही समय’’ है. मैंने पहले भी इस मुद्दे का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा.
सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हजारे ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने सरकार को सीएसीपी को स्वायत्तता नहीं देने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें ना लागू करने पर आंदोलन की चेता’वनी भी दी. उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती.’’
दिल्ली से सटे बॉर्डर्स का ऐसा है हाल
सिंघु बॉर्डर पर सबसे ज्यादा किसान डटे हुए हैं और कृषि कानूनों के खिलाफ आज 13वें दिन भी धरना और प्रद’र्शन जारी है. लाखों किसान सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों के विरो’ध प्रदर्शन को देखते हुए आज सिंघु बॉर्डर पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है. पुलिस हजारों की संख्या में बॉर्डर पर मुस्तैद है.
टिकरी बॉर्डर का हाल- कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरो’ध प्रद’र्शन जारी है. यहां बड़ी संख्या में किसान सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. कल केंद्र सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता होगी.
किन-किन राज्य के किसानों ने किया बंद का समर्थन?
बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रद’र्शन कर रहे किसानों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है. पिछले 12 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन और सरकार के बीच बातचीत से अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है. अब दोनों पक्ष छठे दौर की बातचीत के लिए कल बैठक करेंगे. हरियाणा-पंजाब के अलावा यूपी, दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, एमपी, राजस्थान और तमिलनाडु के किसानो ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.
11 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम
रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि भारत बंद दोपहर बाद तीन बजे तक रहेगा, लेकिन जरूरी सेवाओं के लिए अनुमति होगी। हम किसानों से अपील करते हैं कि वे भारत बंद लागू करने के लिए किसी पर दबाव नहीं डालें।
किसान नेता निर्भय सिंह ने कहा कि हमारा विरो’ध केवल पंजाब तक सीमित नहीं है। कनाडा से ट्रूडो जैसे दुनिया भर के नेता भी हमें समर्थन दे रहे हैं। हमारा विरो’ध शांतिपूर्ण है। किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा, ‘पूरे दिन बंद लागू किया जाएगा। सुबह 11 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। यह एक शांतिपूर्ण बंद होगा। हम अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक नेताओं को अनुमति नहीं देने पर दृढ़ हैं।’
दिल्ली में बंद रहेंगी मंडियां
भारत बंद के दौरान उन लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी जो मेडिकल के काम से या शादियों में जा रहे होंगे। जो लोग शादी में जा रहे होंगे उन्हें शादी का कार्ड दिखाना पड़ेगा। इसके साथ ही आवश्यक सेवा से जुड़े लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
वहीं दूध, फल, सब्जी और अन्य वस्तुओं पर पूरी तरह से पाबं’दी रहेगी। दिल्ली की सभी मंडियां बंद रहेंगी। आजादपुर मंडी के अध्यक्ष, आदिल अहमद खान ने कहा, ‘किसानों द्वारा किए गए ‘भारत बंद’ के समर्थन में दिल्ली की आजादपुर मंडी और शहर की अन्य सभी मंडियां बंद रहेंगी।’
इतने राजनीतिक दलों ने किया है भारत बंद का समर्थन
भारत बंद के समर्थन में कई संगठनों के साथ ही राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं. इनमे कांग्रेस, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, डीएमके, वाम मोर्चा सहित 11 राजनीतिक दलों ने भारत बंद को समर्थन दिया है। बसपा, शिवसेना, आम आदमी पार्टी भी इस समर्थन के साथ हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह किसानों के साथ खड़ी हैं लेकिन अपने यहां ‘भारत बंद’ को लागू नहीं करेंगी। टीएमसी सामसद सौगत राय ने कहा कि बंद पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत है।