कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकल सका है. ऐसे में अब किसानों ने आंदोलन निरतंर चलने का एलान कर दिया है. किसान नेताओं का कहना है कि, अगर सरकार ने बात नहीं मानी तो वह कई साल तक भी आंदोलन चलाते रहेंगे। इसी बीच अब अन्ना हजारे (Anna Hazare write to PM ) ने एक बार फिर किसानों के लिए आवाज उठाई और पीएम मोदी को पत्र लिखकर बताया कि, वह दिल्ली में भूख हड़ताल शुरू करने वाले हैं.
जी हां हाल ही में अन्ना हजारे ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि नए कृषि कानून लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं और विधेयकों का मसौदा बनाने में जन भागीदारी जरूरी है। हजारे ने तारीख बताए बिना कहा कि वह महीने के अंत तक उपवास शुरू करेंगे।
दिल्ली में भूख हड़ताल करेंगे अन्ना हजारे
आपको बता दें पिछले साल 14 दिसंबर को हजारे ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर आगाह किया था कि कृषि पर एम एस स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों समेत उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो वह भूख हड़ताल करेंगे। वहीं इससे पहले भी किसानों के साथ खड़े नजर आये हैं और उन्होंने भारत बंद का भी खुलकर समर्थन किया था. इस बीच अब अन्ना ने पीएम को पत्र लिखकर उन्होंने दिल्ली में जल्द ही भूख हड़ताल शुरू करने की बात कही है.
अन्ना ने कृषि लागत और मूल्य के लिए आयोग को स्वायत्तता प्रदान करने की भी मांग की है। हजारे ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर मैंने (केंद्र के साथ) पांच बार पत्र व्यवहार किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। हजारे (Anna Hazare write to PM ) ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है, ”इस कारण मैंने अपने जीवन की अंतिम भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
कानूनों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में लोगों को शामिल होना चाहिए
उन्होंने कहा कि उस सत्र में आप और आपके वरिष्ठ मंत्री (भाजपा उस समय विपक्ष में थी) ने मेरी प्रशंसा की थी लेकिन अब मांगों पर लिखित आश्वासन देने के बावजूद आप उन्हें पूरा नहीं कर रहे हैं। बाद में एक स्थानीय समाचार चैनल के साथ बात करते हुए हजारे ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन पर कहा कि कानूनों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में लोगों को शामिल होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ये (कृषि) कानून लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं। अगर सरकार कानून का मसौदा तैयार करने में लोगों की भागीदारी की अनुमति देती है, तो वह ऐसे कानून बना पाएगी जैसे लोग चाहते हैं।
किसानों के समर्थन में खुलकर बोले अन्ना हजारे
आपको बता दें कि, अन्ना हजारे इससे पहले भी किसानों के समर्थन में खुलकर बोल चुके हैं. उन्होंने केंद्र सरकार को चेता’वनी दी कि अगर किसानों की मांगें अनसुनी रहती है तो वह ‘जन आंदोलन’ की शुरुआत करेंगे। किसानों के समर्थन में अन्ना हजारे ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को ‘लोकपाल आंदोलन’ के दौरान हिला दिया गया था। मैं इन किसानों के विरो’ध को उसी तर्ज पर देखता हूं। अन्ना ने आगे कहा कि किसानों द्वारा किए गए भारत बंद के दिन मैंने रालेगण-सिद्धि में अपने गाँव में एक दिन का उपवास किया था। किसानों की मांगो पर मेरा पूरा समर्थन है।
उन्होंने (Anna Hazare do Jan andolan for Farmers) कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है, तो मैं एक बार फिर ‘जन आंदोलन’ के लिए बैठूंगा, जो लोकपाल आंदोलन के समान ही होगा। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में मुख्य रूप से पंजाब के हजारों किसान तीन नए कृषि कानूनों का विरो’ध कर रहे हैं, जो उन्हें लगता है कि निजी क्षेत्र द्वारा उनकी फसलों को कम कीमतों पर खरीदने के लिए उनका शो’षण किया जा सकता है।