कृषि कानूनों को लेकर पिछले 50 दिन से अधिक से किसानों का आंदोलन जारी है. वहीं किसानों द्वारा 26 तारीख को ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कही गई है. इसके लिए अब अलग-अलग शहरों से किसान अपने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं. तो वहीं हाल ही में हुई मीटिंग में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए किसानो को प्रस्ताव दिया। सरकार और किसानों के बीच हो रही इस वार्ता को लेकर विपक्ष भी लगातार निशाना साध रहा है. इस कड़ी में अब शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay raut takes on BJP over farm laws) ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
जब किसान कह चुके हैं वह वापस नहीं जाएंगे तो सरकार तारीख क्यों दे रही- राउत
संजय राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा- सरकार करना क्या चाह रही है यह समझ नहीं आ रहा है. एक के बाद एक कई मीटिंग हो चुकी हैं. आखिर सरकार क्या इतनी मीटिंग करके कोई रिकॉर्ड बनाना चाहती है. जाहिर है अब तक करीब 10 दौर की वार्ता हो चुकी है, इसमें कानूनों को वापस लेने पर बात नहीं बनी।
किसान लगातार यही मांग कर रहे हैं कि, सरकार इन कानूनों को वापस ले ले. वहीं सरकार किसानों को इसमें संसोधन करने की बात कह रही है. इसको लेकर संजय राउत ने कहा- किसानों से कब तक बात चलती रहेगी। 60 दिन तो हो गए हैं, लेकिन सरकार इसपर विचार नहीं कर रही. एक के बाद एक सरकार 10 बार चर्चा कर चुकी है. क्या सरकार Limca बुक में रिकॉर्ड दर्ज कराना चाह रही है. वह कहते हैं जब किसान पहले कह चुके हैं कि, कानून वापसी के बिना वह जाएंगे नहीं तो सकरार किसानों के साथ बैठकर उनको समझने का काम कोई नहीं कर रही. वहीं अब संजय का यह ब्यान सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा में बना हुआ है और लोग इसपर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
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सरकार ने किसानों के सामने रखा बड़ा प्रस्ताव
वहीं बीते बुधवार की बैठक में सरकार की ओर से नए कृषि कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया. वहीं किसान नेता कानूनों को वापस लेने की बात कहते रहे. बाद में सरकार ने नए कृषि कानूनों को 1-1.5 साल होल्ड करने का प्रस्ताव रखा और इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने की भी बात कही.
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से बातचीत कहा कि, वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है. 22 जनवरी को किसी समाधान पर पहुंचने की संभावना है. किसान संगठनों के साथ बातचीत में हमने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को एक या डेढ़ साल होल्ड करने के लिए तैयार है. मुझे खुशी है कि किसान संगठनों ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है और कहा है कि वह इस पर गुरुवार को विचार करेंगे और 22 जनवरी को अपना फैसला बताएंगे.
कमेटी तय करेगी 3 कानूनों और MSP का भविष्य
बैठक के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, ‘बैठक में 3 कृषि कानूनों और MSP पर बात हुई. सरकार ने कहा कि हम एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और 3 कानूनों पर 1-1.5 साल के लिए रोक लगा देंगे. एक कमेटी बनेगी जो 3 कानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी. कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे. हमने कहा हम इस पर विचार करेंगे.’
26 जनवरी को किसान करेंगे ट्रैक्टर परेड
बता दें कि, आगामी 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकालने का एलान किया हुआ है. इसकी तैयारी जोरों पर है और अलग-अलग शहरों से किसान दिल्ली अपने ट्रैक्टर लेकर पहुंच रहे हैं.
तो वहीं किसानों के इस कार्यक्रम को कई लोगों का समर्थन भी मिलता नजर आ रहा है. सपना चौधरी के पति वीर साहू ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, किसान आंदोलन में वह घड़ी आ गई है, जब घर से निकलकर अपने किसान भाईयों के साथ मैदान में आने का सबसे जरूरी मौका आन पड़ा है। साथियों, आप सभी ने अलग अलग तरीके से किसान आंदोलन में अपना सहयोग किया है लेकिन अब 26 जनवरी के लिए घर से निकलकर शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली कू’च में शामिल होना आप और हम सब की जिम्मेदारी है.