कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन पिछले 70 दिन से अधिक समय से जारी है. वहीं किसान नेताओं ने इसे अक्टूबर तक चलाने का एलान कर दिया है. वहीं बीते दिन प्रधानमंत्री ने भी सदन में नाराजगी जताई और कहा कि, इस समय एक नई जमात आ गई है जो आंदोलन जीवी है. यह हर उस जगह पहुंच जाते हैं जहां आंदोलन चल रहा होता है. अब इस बयान को लेकर विपक्ष के कई नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इस कड़ी में अखिलेश (Akhilesh yadav Angry on BJP) ने भी भाजपा पर नाराजगी जताई और कहा कि, आंदोलन कर रहे किसानों को ऐसा कहना उनका अप’मान है.
जाहिर है भाजपा के कई नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं कि, यह आंदोलन अब राजनीतिक हो चुका है. किसानों को राजनीतक दल के लोग बहला रहे हैं और उनको गलत जानकारियां दे रहे. वहीं अब आन्दोलन जीवी शब्द काफी चर्चा में बना हुआ है और लोग इसपर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
अखिलेश बोले- भाजपा वाले शही’द स्मारक पर जाकर माफ़ी मांगें
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नए शब्द की परिभाषा दिए जाने के बाद यह हर तरफ चर्चा में बना हुआ है. सोशल मीडिया पर लोग इस शब्द को लेकर काफी मजेदार मेम्स भी शेयर कर रहे हैं. तो अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए पलटवार किया और कहा कि, यह किसानों का अप’मान है.
अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा- आंदोलनों से स्वतंत्रता पाने वाले देश में आंदोलनरत किसानों-नागरिकों को ‘आंदोलन जीवी’ जैसे आप’त्ति’जनक शब्द से संबोधित करना हमारे देश के क्रां’तिका’रियों एवं शही’दों का अप’मान है। आज़ादी के आंदोलन में दोलन करने वाले आंदोलन का अर्थ क्या जाने। भाजपा शही’द स्मारक पर जाकर माफ़ी माँगे! तो वहीं अखिलेश के इस ट्वीट पर कुछ लोग जहां उनकी सराहना कर रहे हैं. तो कुछ लोग जमकर आलोचना करते नजर आये. बहरहाल आंदोलन जीवी शब्द काफी सुर्ख़ियों में बना हुआ है और लोग अब और नए नए शब्द इजात कर रहे हैं.
अखिलेश बोले- किसान इस बार भाजपा का नाम मिटा देंगे
गौरतलब है कि, किसानों का आंदोलन पिछले 70 दिन से अधिक समय से जारी है. इधर अब इस आंदोलन को लेकर कई विदेशी कलाकारों द्वारा ट्वीट किये जाने के बाद से यह मुद्दे अब दुनिया भर की नजर में आ गया है. दुनिया की सबसे मशहूर सिंगर रियाना से लेकर कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस तक किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट कर चुकी हैं.
इस मामले को लेकर अखिलेश ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने मीना हैरिस के एक ट्वीट की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा- भाजपा सरकार को देश की वैश्विक छवि ख़राब होने की भी चिंता नहीं है और हमारा मानना है कि वो अपने पूँजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए कृषि क़ानूनों के मुद्दे को उप्र के चुनाव आने तक खींचने का कु’च’क्र रचेगी। लेकिन इस बार किसान गुमराह नहीं होंगे और भाजपा को हरा के, हटा के ही दम लेंगे।
शिवसेना से लेकर AAP हर कोई कर चुका है किसानों का समर्थन
आपको बता दें कि, गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र बन चुका है. इस आंदोलन में जिस तरह से अब राकेश टिकैत ने उठाया है उसके बाद से माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, कई पार्टियों के नेता एक एक करके गाजीपुर बॉर्डर पहुंच किसानों के हक में आवाज उठा रहे हैं.
शिवसेना नेता संजय राउत से लेकर दिल्ली के दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और जयंत चौधरी से लेकर अभय चौटाला तक हर बड़े नेता किसानों को खुला समर्थन देने का एलान कर चुके हैं. वहीं हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश तक अलग-अलग शहरों में लगातार किसानों की महापंचायत भी हो रही है. इस दौरान भारी सांख्य में किसान पहुंच रहे हैं. राकेश टिकैत भी कई पंचायत में जाकर खुद किसानों को जागरूक होने की बात कह रहे हैं.