कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. किसान अभी भी डिगे नहीं वह 100 दिनों से अधिक समय से बॉर्डर पर बैठे हैं. आंदोलन को 3 महीने से अधिक का समय गुजर जाने के बाद अब किसानों का गुस्सा सरकार पर और अधिक बढ़ रहा है. तो दूसरी तरफ कुछ राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर सियासी हल’चल भी देखने को मिल रही है. इसमें अब किसान भी शामिल हैं और चुनावी राज्यों में जाकर भाजपा के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. राकेश टिकैत (Rakesh Tikait takes on Modi Government) अब भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं.
वह जमीन पर तो एक्टिव हैं ही, साथ ही सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं. इस कड़ी में अब उन्होंने एक बार फिर आवाज बुलंद की. टिकैत दो ट्वीट किये और बिना नाम लिए सरकार पर निशाना साधा है. टिकैत ने लिखा- सरकारी सम्पतियां लगातार बिक रही है. अब देश को बचाना किसान का पहला मकसद है.
यही नहीं टिकैत ने अपने एक और ट्वीट में लिखा- यह आंदोलन किसान के आजादी का आन्दोलन है, देश के दूसरी आजादी की ल’ड़ा’ई ल’ड़ रहा किसान, नौजवान। इस ट्वीट पर लोग भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और यह चर्चा में बना हुआ है. बता दें कि, राकेश टिकैत के ट्विटर पर करीब ढाई लाख फॉलोवर हो चुके हैं.
बता दें कि, इससे पहले भी टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर हम’ला बोला और कहा कि केंद्र सरकार बहुत से नए बिल लेकर आ रही है. उन पर सरकार को बात करनी होगी। ये लु’टे’रों की सरकार है, ये देश में नहीं रहेगी, इनको जाना पड़ेगा। किसान नेता ने कहा कि एमएसपी किसानों का हक है, जिसे वो लेकर रहेंगे। अपना हक पाने के लिए देशभर के किसानों को एक साथ आना होगा और इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना होगा।
टिकैत ने कहा- अब सभी किसान तैयारी कर रहे हैं, ससंद के बाहर सफल बेचेंगे। क्योंकि वहां पर सभी लोग रहते हैं तो किसानों को अच्छी कीमत मिल जायेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जब एमएसपी पर कानून बनेगा तभी किसानों का भला होगा।
जाहिर है यह कोई पहली बार नहीं नहीं है टिकैत ने भाजपा या मोदी सरकार के खिलाफ बोला है. इससे पहले वह बंगाल में पहुंचकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं और जनता से इनको वोट न देने की अपील भी कर डाली।