किसानों आंदोलन को जहां आज 4 महीने हो गए. इस मौके पर किसानों ने आज भारत बंद का आयोजन भी किया था. कई जगहों पर किसान हाइवे और रेलवे ट्रैक पर उतरे। तो इस बीच गुजरात से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई जहां गुजरात पुलिस ने किसान नेता को युद्धवीर सिंह (Yudhvir singh) को हि’रासत में ले लिया। इस खबर के सामने आने के बाद किसानों में नाराजगी बढ़ गई और उन्होंने पुलिस का जमकर विरोध किया।
तो इधर अब राकेश टिकैत (Rakesh Tikait angry on Gujrat Government) ने भी गुजरात सरकार और पुलिस पर नाराजगी जताई और उन्हें रिहा करने की मांग की.
किसानों से घब’रा गई गुजरात सरकार- टिकैत
बता दें कि, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह को शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. पुलिस ने अहमदाबाद में प्रेस वार्ता के दौरान गिरफ्तार कर लिया। भाकियू से जुड़े किसानों ने इस गिर’फ्ता’री के विरोध में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पूरी तरह बंद करने की घोषणा की है। किसानों का कहना है कि जब तक युद्धवीर सिंह को रिहा नहीं किया जाता तब तक एक्सप्रेस-वे को बंद ही रखा जाएगा। किसान इस तरह से डरने वाले नहीं हैं।
यही नहीं राकेश टिकैत ने भी एक वीडियो जारी कर नाराजगी व्यक्त की. टिकैत ने कहा- गुजरात सरकार अब किसानों से घब’रा रही है. हमारे सयुंक्त किसान मोर्चा के नेता युद्धवीर सिंह को बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठा कर ले गई. हम उनकी रि’हा’ई की मांग करते हैं और ऐसा न होने पर हम गुजरात जाएंगे और उनको रिहा कराएंगे।
टिकैत का बयान सुनने के लिए लिंक पर क्लिक करें: https://twitter.com/RakeshTikaitBKU/status/1375400968418951169
किसान नेता को रिहा नहीं किया गया तो गुजरात में करेंगे आंदोलन
टिकैत कहते हैं कि, अब गुजरात को भी आजाद कराने का समय आ गया है. वह कहते हैं- अभी पहली ही प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और इतने में ही सरकार डर गई. उनको आज रात तक अगर आजाद नहीं किया गया तो हम किसान भाई सभी गुजरात में सभी किसानों की आवाज उठाएंगे। वहां जाएंगे और गुजरात को आजाद करायेंगे. वहां के लोग बाहर आना चाहते हैं. इसके साथ ही आगे की रणनीति बनाएंगे और आगे के आंदोलन की पूरी रुपरेखा तय करेंगे।
गौरतलब है कि, नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर लगातार चार महीने से किसानों का आंदोलन जारी है। कानूनों को र’द्द कराने की मांग कर रहे किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की ल’ड़ा’ई का ऐलान कर चुके हैं।
इसके लिए किसान नेता देशभर में घूम-घूमकर किसान महापंचायतों के जरिये लोगों को एकजुट कर रहे हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।