बंगाल चुनाव के बाद अब लोगों की नजरें उत्तर प्रदेश पर बनी हुई हैं. चुनाव को अभी भले ही 6 महीने से अधिक का समय है. लेकिन नेताओं की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं. सभी पार्टियां जनता के बीच अपनी पैठ बनाने में जुट गई हैं. तो वहीं नेताओं के फेरबदल का दौर भी जारी है. इसके साथ ही आरोप प्रत्यारोप भी काफी देखने को मिल रहा है. इन सब बीच हाल ही में ओपी राजभर (OP Rajbhar Takes on BJP) ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कह दी. कभी योगी सरकार में मंत्री रहे राजभर ने कहा अब हमारी प्रमुखता है कि, भाजपा को प्रदेश से हटाया जाए.
राजभर ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, अब हमने अपना अलग मोर्चा बना लिया है. जो भी भाजपा को हराना चाहता है वह हमारे साथ आ जाए. यही नहीं उन्होंने कहा कि, अब हम भाजपा को प्रदेश से बाहर कर के ही मानगंगे।
दरअसल हाल ही में मीडिया से बातचीत में उन्होंने सुहे लदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar angry on BJP) ने बीजेपी पर निशाना साधा है. साथ ही राजभर ने अपने कुछ ट्वीट के जरिये भी भाजपा को निशाने पर लिया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘भाजपा डूबती हुई नैया है, जिसको इनके रथ पर सवार होना है हो जाए पर हम सवार नहीं होंगे.
वह भाजपा पर पलटवार करते हुए कहते हैं- जब चुनाव नजदीक आता है तब इनको पिछ’ड़ों की याद आती है. जब मुख्यमंत्री बनाना होता है तो बाहर से लाकर बना देते है. हम जिन मुद्दों को लेकर समझौता किए थे, साढ़े चार साल बीत गया एक भी काम पूरा नहीं हुआ.’
यही नहीं ओमप्रकाश राजभर ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती में पिछ’ड़ों का हक लू’टा, पिछ’ड़ों को हिस्सेदारी न देने वाली भाजपा किस मुंह से पिछ’ड़ों के बीच में वोट मांगने आएगी. इनको सिर्फ वोट के लिए पिछ’ड़ा वर्ग याद आता है. हमने भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है जो भी उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना चाहते हैं, हम उनसे गठबंधन करने को तैयार है.
भाजपा की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री राजभर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि भाजपा को उत्तर प्रदेश की सत्ता से हटाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
उनका ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ पंचायत अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में केवल उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जिस पर उसके उम्मीदवार जीत की स्थिति में होंगे. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की पहल पर प्रदेश के कई क्षेत्रीय दलों ने साथ मिलकर ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ बनाया था.
उधर अखिलेश भी लगातार भाजपा सरकार पर हम’लावर नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि, आखिर मोदी और योगी सरकार उत्तर प्रदेश के चुनाव में किस रणनीति के साथ उतरती है और जनता का दिल एक बार फिर जीतने में कैसे कामयाब होगी।