कृषि कानून को वापस करने की मांग को लेकर धरना दे रहे किसानों के आंदोलन को 7 महीने पूरे हो गए. 26 जून के इस खास दिन पर किसानों ने देश भर में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही राजभवनों के बाहर बैठे और राज्यपाल को ज्ञापन सौंप अपनी मांगें पूरी करने की गुहार लगाई। किसानों को लगातार राजनीतिक पार्टियों का समर्थन भी मिल रहा है. इसी बीच अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi support Farmers) ने एक बार फिर खुलकर किसानों का समर्थन किया है. जाहिर है इससे पहले भी राहुल, प्रियंका, अखिलेश समेत अन्य नेता लगातार किसानों के समर्थन की बात कर रहे हैं.
तो वहीं आज 26 जून को किसान आंदोलन को 7 महीने पूरे हो गए. किसान अब भी अपनी बात पर अडिग हैं कि, सरकार जिस दिन कृषि कानून वापस ले लेगी उसी दिन किसान अपने घर लौट जाएंगे। इधर सरकार और किसान नेताओं के बीच बढ़ रही त’ना’त’नी अब चुनाव में भी असर डालती दिख रही है. राकेश टिकैत साफ़ कह चुके हैं कि, आने वाले चुनावों में भाजपा के खिलाफ खुलकर प्रचार करेंगे।
विपक्ष का पूरा समर्थन किसानों को मिल रहा है. अगामी उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए अब पार्टियां किसानों को और समर्थन कर रही हैं. तो वहीं राकेश टिकैत समेत अन्य नेता भी खुलकर भाजपा के खिलाफ बोल रहे हैं. इस बीच राहुल गांधी ने ट्वीट किया और लिखा- ‘सीधी-सीधी बात है- हम सत्या’ग्र’ही अन्नदाता के साथ हैं.’
आपको बता दें कि, इससे पहले भी राहुल (Rahul Gandhi Support Farmers) किसानों के समर्थन में आवाज उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि, सरकार को कृषि कानून तो वापस लेने ही पड़ेंगे। यह किसानों के हित में नहीं हैं इसलिए किसान वापस नहीं जायेगा। मोदी सरकार को ही किसानों की बात माननी पड़ेगी और कानून वापस लेना होगा।
आज किसानों ने विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपकर इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग की. राकेश टिकैत के साथ ही उनके भाई नरेश टिकैत भी लगातार मोदी सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं. वह अपनी मांगों को लेकर साफ कह चुके हैं कि, कानून वापसी के बिना वह लोग घर वापस नहीं जाएंगे। तो उन्होंने यह भी कहा कि, भाजपा वाले किसानों की नहीं मांगेंगे तो इनको आने वाले चुनावों में किसानों का विरोध झे’लना पड़ेगा।
साथ ही चुनाव में इनकी हार भी हो सकती है. तो राकेश टिकैत तो खुलकर कई बार बोल चुके हैं- वह भाजपा के खिलाफ गांव गांव जाकर प्रचार करेंगे और जनता से पार्टी को वोट न देने की अपील करेंगे। अब देखना होगा कि, आने वाले समय में आखिर किसानों का प्रभाव कितना देखने को मिलेगा।