छत्रपति शवाजी महाराज के परम मित्र और मुगलों के पसीने छुड़ाने वाले योद्धा ‘तानाजी’ की शौर्य गाथा जल्द ही आपको बड़े पर्दे पर देखने को मिलने वाली है. जी हां कल सिनेमा घरों में फिल्म ‘तानाजी’ रिलीज हो रही है जिसमे दर्शकों को उस योद्धा की वीरता देखने को मिलेगी जिसने अपने कुछ सैनिकों के साथ मिलकर ही मुगलों द्वारा कब्ज़ा किये गए सिंघगढ़ किले पर फतह हासिल की थी.
कल फिल्म रिलीज हो रही है तो उससे पहले हम आपको उस वीर योद्धा की कहानी बताते हैं जिसने अपने पराक्रम से मुगलों को चित कर दिया था.
जानें कौन है तानाजी मालुसरे जिसने मुगलों को दी करारी मात
एक ऐसा मराठा योद्धा जिसने अपनी सेना के साथ मिलकर मुगलों पर धावा बोल उनको भगवा की ताकत दिखा दी थी. जी हां तानाजी मालुसरे की शौर्य गाथा पर कल फिल्म रिलीज होने जा रही है जिसमे अजय देवगन तानाजी के किरदार में नजर आने वाले हैं. तानाजी मालुसरे बहादुर और प्रसिद्ध मराठा योद्धाओं में से एक हैं और एक ऐसा नाम है जो वीरता का पर्याय है. वे महान शिवाजी के दोस्त थे. उनको 1670 में सिंहगढ़ की लड़ाई के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है, जहां उन्होंने मुगल किला रक्षक उदयभान राठौर के खिलाफ अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी थी, जिसने मराठाओं के जीत का मार्ग को प्रशस्त किया था.
बेटे की शादी छोड़ मुगलों से भिड़ने पहुंच गए थे तानाजी
एक तरफ तानाजी के घर पर पुत्र के विवाह की तैयारियां चल रही थी, उसी बीच यह संदेश आया कि, मुग़ल कोंधाना (सिंहगढ़) किले को पाना चाहते हैं. यह सुनते ही तानाजी ने बेटे की शादी की तैयारियां छोड़ अपने 300 सैनिकों को लेकर सीधे किले की ओर बढ़ चले. सैनिकों और अपने खास जानवर गो की मदद से तानाजी उस विशालकाय किले पर चढ़ने में सफल हुए और मुगलों को हराकर इस किले पर भगवा लहरा दिया था. हालांकि इस लड़ाई में तानाजी को वीरगति प्राप्त हुई थी और यह खबर सुन छत्रपति शिवाजी काफी दुखी हुए थे.