दिल द नि मा’डा..इस लाइन को सुनते ही लोगों को समझ आ जाता है नाम सिद्धू मुसेवाला, जी हां वो सिंगर जिसने अपनी मेहनत के दमपर देश ही नहीं दुनिया भर में नाम कमाया. स्कूल के समय से ही कुछ अलग करने और बड़ा बनने का सपना रखने वाले शुभदीप सिंह कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद ही छा गए थे. सिद्धू ने बेहद कम समय में इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लिया था जिससे हर कोई उनका दीवाना था.
बता दें कि, मूसेवाला एक ऐसे स्टार थे जो अपने दम पर म्यूजिक इंडस्ट्री में आए और कम समय में बड़े-बड़े सिंगरों को पीछे छोड़ दिया.
सिर्फ गायकी नहीं, सिद्धू मूसेवाला कई प्रतिभाओं के धनी थी. वे गाने लिखते भी थे और मॉडलिंग का भी उन्हें काफी शौक रहा. तो आज हम आपको सिद्धू मूसेवाला की जिंदगी का सफर बताते हैं.
सिद्धू का जन्म भोला सिंह और चरण कौर के घर पंजाब में हुआ. कम उम्र में ही मूसेवाला का टैलेंट लोगों को उनकी ओर आकर्षित करने में मजबूर कर देता था. स्कूल से लेकर कॉलेज तक उन्होंने अपने टैलेंट से खुद को चमकाए रखा. वह स्कूल और कॉलेज के दिनों में भी गाने song करते थे जिससे उनकी काफी फैन फॉलोविंग भी बन गई थी.
नाम के आगे मुसेवाला का गांव से कनेक्शन
सिद्धू अपने नाम के आगे मुसेवला अपने गांव मूसा को संबोधित करने के लिए लगाते हैं. मूसावाला ने पंजाब के लुधियाना से ही इंजीनियरिंग की लेकिन आम इंजीनियर की नौकरी न करते हुए म्यूजिक वर्ल्ड में अपनी पहचान बनाई. हालांकि, सफलता के रास्ते में काफी मुश्किलें भी आई लेकिन एक दिन उन्हें शोहरत मिल ही गई.
So High गाने ने दिलाई थी पहचान
बता दें कि, वो साल 2015 था जब पहली बार सिद्धू को सफलता की पहली सीढ़ी मिलते-मिलते रह गई. जिसके बाद साल 2016 में सिद्धू का लिखा हुआ गाना लाइसेंस को सिंगर निंजा ने गाया तो काफी ज्यादा फेमस हुआ.
इसके बाद So High गाने ने सिद्धू को पहचान दिलाई और वह रातों रात स्टार बन गए. यह गाना सबसे ज्यादा पॉपुलर हुआ जिसने दुनिया भर में धमाल मचाया.
इस गाने की धूम सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि देश से लेकर विदेशों तक रही. जिसके बाद सिद्धू को सफलता की पहली सीढ़ी हाथ लग गई. सिद्धू कुछ समय कनाडा चले गए जहां उनका गाना जी वैगन हि’ट हो गया. लेकिन सिद्धू ज्यादा दिन कनाडा में नहीं रहे, वह फिर से अपने गांव लौटे और फिर यही से उन्होंने बाकी के सारे गाने रिलीज किये.
स्टार होने के बाद भी गांव में ही रहना करते थे पसंद
जाहिर है अक्सर लोग स्टारडम हासिल करने के बाद अपना रहन-सहन और संगत बदल लेते हैं. लेकिन सिद्धू मूसावाला जरा अलग मिजाज के थे. स्टार बनने के बाद भी उन्होंने अपनी जमीन कभी नहीं छोड़ी और अपने गांव में ही डेरा जमाए रखा. हालांकि, गांव में उन्होंने अपने लिए एक आलीशन घर बनवाया था.
यही नहीं मुसेवाला की पहचान और उनकी यूएसपी यही थी कि वह अपने गाने में भी जमीन से जुड़े हुए दृश्य दिखाते थे. खुद ही ट्रैक्टर चलाते खेतों में नजर आते थे. आप सिद्धू के गानों को देखेंगे तो उसमे पंजाबियत और पंजाब का कल्चर नजर आएगा। यही उनको अलग बनाती थी जिसको दुनिया भर में पसंद किया जाता था.
मां सरपंच और पिता रहे हैं फौजी
बता दें कि, सिद्धू मूसेवाला का जन्म 17 जून 1993 को हुआ था. मूसेवाला के पिता भोला सिंह भारतीय सेना से रिटायर्ड है.
इसके अलावा उनकी मां चरन कौर मूसेवाला गांव की सरपंच हैं. सिद्धू मूसे वाला ने कॉलेज के दिनों में ही संगीत सीखा था. इसके बाद वह पढ़ाई के लिए कनाडा चले गए थे लेकिन फिर संगीत की दुनिया में ही बस गए.
सोशल मीडिया पर करोड़ों में फैन फोलोविंग
सिद्धू मूसेवाला यूथ आइकॉन थे और सिर्फ पंजाब नहीं बल्कि देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में उनके फैंस थे. मूसेवाला के इंस्टाग्राम पर 7 मिलियन फॉलोअर्स थे. 4 दिन पहले उन्होंने अपना आखिरी पोस्ट सोशल मीडिया पर डाला था.
सिद्धू एक शो करने का 40 लाख रुपये लेते थे और उनको सुनने लाखों लोग आते थे. वैसे तो सिद्धू अक्सर अपने ही गाने में ही ज्यादा ध्यान देते थे, लेकिन उनके महीने में 2 3 शो लगे ही रहते थे. मुसेवाला इतने बड़े स्टार बने कि लोग उनको अपना आइडल मानने लगे. 22 साल की उम्र में सिंगिंग शुरू करने वाले सिद्धू 27 साल में ही दुनिया भर में फेमस हो गए थे.
कारों के साथ ही ट्रैक्टर का भी शौख
सिद्धू को उनकी स्टाइल और लाइफस्टाइल अलग बनाती थी. वह भले ही इतने बड़े स्टार थे लेकिन गांव में ही रहकर किसानी और जमीन से जुड़े चीजों को अपने गाने में दिखाते थे. मुसेवाला को कारों का बेहद शौख था. उनके पास एक से बढ़कर एक लग्जरी कारें थीं.
इसमें रेंजरोवर से लेकर मारसडीज जीप, जैगुआर जैसे कई लग्जरी कारें शामिल हैं. वह अपनी गाड़ियों को गाने में दिखाते थे. इसके अलावा सिद्धू क्योंकि गांव से जुड़े रहना काफी पसंद करते थे इसलिए वह ट्रैक्टर का भी काफी शौख रखते थे. उन्होंने ख़ास 5911 नंबर का एक ट्रैक्टर मॉडिफाई करवाया हुआ था. यह किसी लग्जरी कार से कम नहीं था.