एक्शन अंदाज से लेकर फैमली फिल्में करने तक मिथुन (Mithun) ने दर्शकों के दिलों में एक अलग जगह बनाई. अभिनेता अपने एक्शन के साथ ही डांस के लिए भी जाने जाते हैं. हालांकि वह लंबे समय से फिल्मों में नजर नहीं आये हैं, लेकिन डांस शो को जज करते हैं. 72 की उम्र में अब मिथुन (Mithun Struggle Story) ने पहली बार अपने संघर्ष की कहानी साझा की है जिसको पढ़कर आप भी भावुक हो जायेंगे.
मिथुन ने अपने फ़िल्मी करियर (Mithun film carrier) से लेकर यहां पहुंचने तक की पूरी कहानी बताई है. यह तब हुआ जब उनकी बायोपिक बनने की बात आई. मिथुन फिल्म इंडस्ट्री का वो नाम जो 80 के दशक से लेकर 2000 तक हर किसी के फेवरेट हुआ करते थे. लेकिन फिर नए एक्शन हीरो आये और मिथुन पीछे होते गए और अब तो वह लंबे समय से किसी फिल्म में नजर नहीं आये हैं. साथ ही अब उन्होंने राजनीतिक पारी भी शुरू कर दी है.
मिथुन का असली नाम है गौरांग
क्या आप जानते हैं कि, मिथुन को उनका यह नाम फिल्म इंडस्ट्री में आने पर मिला था. वैसे तो उनका असली नाम है गौरांग चक्रवर्ती जो बाद में मिथुन हो गया. कभी संघर्ष करने वाले अभिनेता आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. यही नहीं उनके कई बिजनेस भी हैं जिनके जरिये वह लाखों की कमाई प्रतिमाह करते हैं.
होटल से लेकर रिजॉर्ट और रेस्टोरेंट जैसे अन्य बिजनेस में मिथुन (Mithun Resturant Business) का मालिकाना हक़ है. पहाड़ों पर उनके कई रिजॉर्ट और आलीशान होटल हैं. यह उत्तराखंड, हिमाचल में हैं जहां हजारों लोग आते हैं. इसके अलावा मिथुन का बंगाल में भी व्यापार है जिसके जरिये वह अच्छी कमाई करते हैं. लेकिन एक समय ऐसा था जब उनके पास एक वक्त का खाना खाने के पैसे नहीं हुआ करते थे.
जीवन में आई कई परेशानियां
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, मिथुन (Mithun Struggle Story) ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1976 में आई फिल्म ‘मृगया’ से की थी. वो अब तक 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं और आज भी लोग उनकी फ़िल्में टीवी पर देखना पसंद करते हैं. मिथुन आज भी कई लोगों के चहेते हैं. इस बीच अब मिथुन ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए हाल ही में कहानी बयां की है. अभिनेता ने कहा, ‘हर किसी ने मुश्किल दिनों में स्ट्रगल देखा है.
लेकिन मुझे हमेशा अपने स्किन कलर के लिए बुलाया जाता था. मेरी स्किन के कलर के कारण कई सालों से मेरी अनादर किया गया. वह आगे कहते हैं- मैंने ऐसे भी दिन देखे हैं, जब मुझे खाली पेट सोना पड़ता था, और मैं खुद सोने के लिए रोता था. वास्तव में वो ऐसे दिन थे जब मुझे सोचना पड़ता था कि मैं अगले टाइम पर क्या खाऊंगा और मैं कहां सोने जाऊंगा.’
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कभी फुटपाथ पर सोटे थे मिथुन
मिथुन ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, ‘यहां तक कि मैं बहुत दिनों तक फुटपाथ पर सोया हूं, मैं कभी नहीं चाहता कि लाइफ में मैंने जो कुछ सहा है, उससे कोई भी गुजरे, और यही एकमात्र कारण है कि मैं नहीं चाहता कि मेरी बायोपिक बनाई जाए. मेरी स्टोरी कभी किसी को इंस्पायर नहीं करेगी, ये उन्हें (मेंटली) तोड़ देगी और लोगों को उनके सपनों को हासिल करने से डिस्करेज करेगी, मैं बिल्कुल नहीं चाहता कि ऐसा हो.’ अब उनका यह बयान काफी चर्चा में बना हुआ है.