पिछले 2 सालों में फिल्म इंडस्ट्री का अंदाज काफी बदला है. दर्शक अब सेलेक्टेड फिल्मों को देखने के लिए ही सिनेमा घरों में जा रहे हैं. ऐसे में बड़े बड़े स्टार्स के साथ ही नए स्टार्स की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफर कर रही हैं. हालांकि बीच बीच में कुछ 1 2 फ़िल्में आती हैं जो इंडस्ट्री से लेकर प्रोड्यूसर तक में जोश भर देती हैं. इसी को लेकर अब फिल्म क्रिटिक ने बड़ा बयान दया और कहा कि बॉलीवुड को ICU से बाहर लाने में यह चीज जरुरी होगा.
पठान जैसी ऐतिहासक फिल्म ने साल 2023 की धमाकेदार शरुआत की और हिंदी सिनेमा के मायूसपन को दूर किया, साथ ही 2022 में गंगूबाई, दृश्यम जैसी फिल्मों ने शानदार परोफॉम किया। लेकिन अब अक्षय से लेकर कंगना और रणवीर से लेकर वरुण धवन जैसे स्टार्स की फिल्में भी बेहद खराब परफॉर्म कर रही हैं.
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उसके मुकाबले छोटी छोटी फ़िल्में काफी शानदार बिजनेस करती नजर आ रही. इसको लेकर ही अब बॉलीवुड के फीका होने की चर्चाएं और बहस शुरू हो गई है. इसी बीच अब बड़े फिल्म क्रिटिक तरन आदर्श ने तीखा बयान दिया है जो हैरान कर रहा है. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा- इन दिनों बॉलीवुड ICU में जा चुका है. ऐसा लग रहा है कि इसको बाहर लाने के लिए अब काफी मेहनत और पठान जैसी 10 20 फिल्में एक साथ लानी होंगी.
वह कहते हैं- बॉलीवुड के फीका होने से मेकर्स के साथ ही थियटर्स वालों को भी भारी नुकसान हो रहा है और उनकी स्थिति बिगड़ती नजर आ रही. यानी अगर इसी तरह से सिलसिला चलता रहा तो वह सब डूबने की कगार पर आ जायेंगे. जिस तरह से सिंगल स्क्रीन थिएटर्स बंद होते गए, अब वह खतरा मल्टीस्क्रीन वालों पर मंडरा रहा है.
ऐसे में अब हम सबको मिलकर और सोच समझ कर काम करना होगा, फिल्मों का अंदाज बदलना होगा जिससे ज्यादतर दर्शक सिनेमा हॉल में मोवी देखने आएं, वैसे भी ओटीटी के आने से जनता का क्रेज कम हो गया है. लेकिन अगर धांसू एंटरटेनमेंट वाली फिल्में आएंगी तो जनता जमकर फिल्म देखने आएगी.