बॉलीवुड की दुनिया ने एक ऐसा सितारा खो दिया है जिसकी क्षति से बॉलीवुड पूरी तरीके से हिल चुका है। इस अभिनेता का नाम इरफान खान (Irrfan Khan Movies) है इस बार आखरी बार बड़े पर्दे पर फिल्म अंग्रेजी मीडियम में नजर आए थे। जो कि इस साल मार्च में ही रिलीज हुई। 32 साल के करियर में कई सारी ऐसी फिल्में दी जो मील का पत्थर साबित हुई।
खास बात यह है कि इरफ़ान खान को फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। अभिनय की कला के महारथी कहे जाने वाले इरफ़ान की आज हम उन पांच फिल्मों के बारे में बताते हैं जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
पान सिंह तोमर
भारतीय राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाला पान सिंह तोमर चंबल का मशहूर डा’कू कैसे बन जाता है। यह फिल्म उस की पूरी कहानी बयां करती है। तिग्मांशु धूलिया ने पान सिंह तोमर के किरदार में पर्दे पर इरफान खान को पेश किया। मध्य प्रदेश की भाषा और बोली को फिल्म में इरफान खान बोलते हैं तो ऐसा लगता है मानो कि वह यही पले बढ़े हुए हो। इस फिल्म के लिए इरफान को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है।
लाइफ ऑफ पाई
इरफान ने जितनी पहचान हिंदी सिनेमा में बनाई है। उससे ज्यादा उन्होंने हॉलीवुड में कमाई है। ताइवान के निर्देशक आंग ली के निर्देशन में बनी इस फिल्म में इरफान एक लेखक को अपनी जीवनी सुनाते हुए नजर आते हैं। इरफान खान अपनी कहानी बचपन से शुरू करते हैं और किशोरावस्था तक उसी घटना का विस्तार से वर्णन करते हैं। जिसमें उन्होंने एक नाव पर लंबा समय एक शेर के साथ बिताया। खुद भूखे पेट रहकर एक भूखे शेर के साथ एक नाव पर रहना कितना ज्यादा डरा देने वाला है। इस बात को उन्होंने फिल्म में बहुत अच्छे से बयां किया।
लंच बॉक्स
लंच बॉक्स यानी दोपहर के खाने का डब्बा एक डब्बे की अदला-बदली से प्यार पनपने की कहानी सुनने में अजीब लगेगी। लेकिन विस्तार से देखने पर आप भी भावनाओं में बह जाएंगे। इरफ़ान की फिल्में कमाई कम करती है। लेकिन तारीफें बहुत लुटती है। जब तक हिंदी मीडियम रिलीज नहीं हुई थी तब तक यही फिल्म उनकी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी।
हिंदी मीडियम
हिंदी मीडियम इरफान खान की सबसे ज्यादा सफल फिल्मों में से एक है। साकेत चौधरी के निर्देशन में बनी है फिल्म कॉमेडी से भरपूर है लेकिन एक बहुत बड़ा सामाजिक संदेश भी देती है। एक पैसे वाला इंसान अपने पैसे के दम पर अनजाने में ना जाने कितने गरीबों का हक छीन लेता है। यह इस फिल्म में बहुत सादगी से दिखाया गया है फिल्म के सारे सीन आपको अपने जैसे ही लगते हैं।
कारवां
2 लाशों की अदला-बदली से शुरू हुई इस फिल्म की कहानी कब एक नए मोड़ को जोड़ देती है। किसी को भी नहीं पता चलता। शौकत के किरदार में ड्राइवर बनकर इरफ़ान खान हंसाते हैं और ज्ञान देते हैं। वैसे तो हर फिल्म में उनका एक नया ही रूप देखने को मिलता है।