गलवान घाटी में हुई घ’टना के बाद से देश में ची’न का पूर्ण बहि’ष्का’र हो रहा है. हर कोई ची’नी सामान का इस्तेमाल न करने का फैसला ले रहा है. वहीं अब बीसीसीआई की तरफ से एक ऐसा ब्यान सामने आ गया है जो काफी चर्चा में बना हुआ है. दरअसल BCCI की तरफ से कहा गया है कि, वह ची’नी कंपनी Vivo (BCCI or Vivo patnership) के साथ अपना करा’र ख’त्म नहीं करेंगे। साथ ही उनका कहना है कि, ची’न के ब्रांड से भारत को काफी फायदा होता है. तो आइये हम आपको बताते हैं कि, आखिर क्या है यह पूरा मामला।
बीसीसीआई बोला ची’नी ब्रांड से भारत का फायदा
जी हां एक तरफ देश भर में ची’न का पूर्ण बहि’ष्का’र किया जा रहा है। तो वहीं बीसीसीआई (BCCI) ने साफतौर पर कह दिया है कि, वो आईपीएल के प्रायोजक वीवो से क’रार ख’त्म नहीं करेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने कहा कि, वो अगले दौर के लिये अपनी प्रायो’जन नीति की समीक्षा के लिये तैयार है. लेकिन आईपीएल के मौजूदा टाइटल प्रायोजक वीवो (VIVO IPL) से क’रार ख’त्म करने का कोई इरा’दा नहीं है. साथ ही बोर्ड के को’षाध्यक्ष अरूण धूमल का कहना है कि, आईपीएल में ची’नी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा हो रहा है, ची’न को नहीं.
Vivo हर साल 440 करोड़ रुपये देता है
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- आईपीएल जैसे भारतीय टूर्नामेंटों के ची’नी कंपनियों द्वारा प्रायोज’न से देश को ही फायदा हो रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रूपये मिलते हैं जिसके साथ पांच साल का करार 2022 में ख’त्म होगा.