बिहार विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद से कांग्रेस के अंदर शुरू हुआ अंतर कल’ह शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. कपिल सिब्बल से लेकर गुलाम नबी (Adhir ranjan angry on Gulam Nabi) और चिदंबरम जैसे पार्टी के बड़े नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाकर हं’गा’मा खड़ा कर दिया है.
तो वहीं इन नेताओं पर पार्टी के अन्य नेता नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. इस कड़ी में अब अधिअर रंजन चौधरी ने इनपर पल’टवा’र करते हुए राहुल गांधी (Adhir Ranjan praise Rahul Gandhi) की तारीफ़ की है.
गुलाम नबी और सिब्बल जैसे नेताओं को पहले आइना देखना चाहिए
दरअसल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुलाम नबी आजाद के बयान पर कहा कि इस तरह सिर्फ राहुल गांधी पर नि’शा’ना साधना और हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराने से कुछ नहीं होगा. जाहिर है सिब्बल के साथ ही गुलाम नबी ने भी गुस्सा जाहिर किया था और 5 स्टार कल्चर को हार का कारण बताया था.
ऐसे में अब कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan angry on Gulam nabi or Sibal) ने जवाब देते हुए कहा कि ऐसे नेताओं को आइना देखना चाहिए और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे नेता इस तरह मीडिया में बयानबाजी क्यों कर रहे हैं, पार्टी के सेशन का इंतजार क्यों नहीं किया जा रहा है जहां सभी के सामने बात की जा सके.
बिहार में हार को लेकर कुछ कहना है तो सही समय का इन्तजार करें
यही नहीं अधीर रंजन ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा- अगर बिहार में हार को लेकर कुछ कहना है, तो सही वक्त का इंतजार करना चाहिए. इस तरह चुनाव नतीजों पर नमक छि’ड़क’ने से कुछ लोगों को आनंद लेने का मौका मिलता है.
लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लगातार हो रही बयानबाजी पर कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक कल्चर है, ये नेता आज जिस पद पर हैं, उसी कल्चर की वजह से हैं. ऐसे में उसे ही नि’शा;ने पर नहीं लेना चाहिए.
बंगाल चुनाव को लेकर अधीर ने कही बड़ी बात
तो वहीं अधीर ने बंगाल चुनाव को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बिहार के नतीजों का असर बंगाल में पड़ने पर कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में बंगाल में कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन में सबसे बेहतर प्रद’र्शन किया था, ऐसे में बंगाल को बिहार से नहीं जोड़ा जा सकता है.
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव और अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों के बाद लगातार कांग्रेस पार्टी में इस तरह की बयानबाजी तेज हुई है. पहले कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी में संवाद की कमी है और हार पर मंथन नहीं हो रहा है. फिर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी अपने सबसे बु’रे दौर से गुज़र रही है, चुनाव में हार से हम सभी चिं’ति’त हैं. हमारे लोगों का जमीनी स्तर पर लोगों से संपर्क खत्म हो गया है.