Video: जमानत मिलने के बाद जेल बाहर निकले अर्नब..लगे जय श्री राम के नारे, कहा-यह भारत की जीत है

सेशन कोर्ट से जमानत न मिलने के बाद अर्नब ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. जहां उनको अंतरिम जमानत मिल गई और उसके कुछ घंटे बाद अर्नब गोस्वामी (Arnab is free) रायगढ़ जिला स्थित तलोजा जेल से रिहा कर दिए गए. जेल से बाहर आने के बाद अर्नब ने जोर जोर से भारत माता की जय और वन्दे मातरम के नारे लगाए। तो वहीं अर्नब के स्वागत में वहां काफी लोग भी मौजूद थे जो जय श्री राम के नारे लगाते नजर आ रहे थे. यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं और लोग काफी ख़ुशी जता रहे हैं.

गोस्वामी रात लगभग साढ़े आठ बजे जेल से बाहर आए. जेल के बाहर जुटे लोगों का उन्होंने वाहन में से हाथ हिलाकर अभिवादन किया. उन्होंने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं. गोस्वामी ने विजय चिह्न प्र’द’र्शित करते हुए कहा, ”यह भारत के लोगों की जीत है.”

जेल से बाहर आने के बाद लोगों ने किया जो’रदा’र स्वागत

आपको बता दें कि, शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान करते हुए कहा कि यदि व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कम’तर किया जाता है तो यह ”न्याय का उप’हास” होगा. बता दें क‍ि सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद पत्रकार अर्नब गोस्वामी रायगढ़ जिला स्थित तलोजा जेल से रिहा कर दिए गए. उन्हें एक इंटीरियर डिजाइनर को क’थित तौर पर आ’त्मह’त्या के लिए उक’साने के वर्ष 2018 के एक मामले में गत चार नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.

arnab came out from Jail

गोस्वामी रात लगभग साढ़े आठ बजे जेल से बाहर आए. जेल के बाहर जुटे लोगों का उन्होंने वाहन में से हाथ हिलाकर अभिवादन किया. उन्होंने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं. गोस्वामी ने विजय चिह्न प्रद’र्शि’त करते हुए कहा,”यह भारत के लोगों की जीत है.” जेल के बाहर महिलायें पुरुष और बुजुर्ग काफी संख्या में मौजूद थे और उन्होंने अर्नब का जो’रदा’र स्वागत किया। इस दौरान लोग जय श्री राम के नारे भी लगाते नजर आये.

वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें: https://twitter.com/ANI/status/1326542646827909121?

न्यायालय ने अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को दी अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के आ’त्मह’त्या के लिये उक’साने के मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को बुधवार को अंतरिम जमानत देते हुये कहा कि अगर व्यक्तिगत स्वतंत्रता बा’धित की जाती है तो यह न्याय का उप’हास होगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने विचारधारा और मत भि’न्न’ता के आधार पर लोगों को निशा’ना बनाने के राज्य सरकारों के रवैये पर गह’री चिं’ता व्यक्त की. न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की अव’काश’का’लीन पीठ ने कहा कि अगर राज्य सरकारें लोगों को नि’शा’ना बनाती हैं तो उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिये उच्चतम न्यायालय है.

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