किसान नेता भानु का राकेश टिकैत पर बड़ा आरोप, कहा- वह किसान नेता नहीं है! अरबों रुपये कमा चुका है

गणत्रंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान जो हंगा’मा हुआ उससे अब किसान नेताओं में आपस में ही नाराजगी देखने को मिल रही है. एक तरफ जहां किसान नेता लाल किले पर हुए प्रद’र्शन और झंडा फहराने को राजनीतिक सा’जिश बता रहे हैं. तो वहीं कुछ किसान नेताओं ने इस घट’ना की निंदा करते हुए आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप (BKU President Bhanu pratap) ने आंदोलन ख़त्म करने का एलान किया साथ ही उन्होंने राकेश टिकैत पर जमकर हम’ला बोला।

भानु प्रताप ने एक इंटरव्यू में लाल किले की घट’ना और आंदोलन पर बात करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि, यह जो भी हुआ वह बहुत गलत हुआ, हम इसकी कड़ी आलोचना करते हैं. वहीं राकेश टिकैत को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि, वह किसान नेता है ही नहीं।

राकेश टिकैत किसान नेता नहीं है, उसने आंदोलन हाई’जैक कर लिया

दो किसान ग्रुप ने आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया है. वहीं अब पुलिस और गृह मंत्रालय भी एक्शन में है और किसान नेताओं के साथ ही कई अन्य पर केस दर्ज किया गया है. तो इधर अब किसान नेता भानु प्रताप ने NBT ऑनलाइन संग बातचीत में राकेश टिकैत पर काफी गुस्सा जाहिर किया।

भानु प्रताप ने कहा- सबसे पहले तो हम लाल किले पर हुई घट’ना से काफी दुखी हैं. यह जो भी हुआ है वह बहुत गलत हुआ. वह आगे कहते हैं- अब हमे इस आंदोलन को खत्म करना होगा नही तो बाकी किसान नेताओं की भी छवि खराब होगी। भानु प्रताप कहते हैं- टिकैत को मैं किसान नेता मानता ही नहीं हूं, उसने बेवजह हमारा आंदोलन कै’प्चर कर लिया। वह तो अरबों खरबों रुपये कमा चुका है और अब न’शे में रहता है.

किसान नेता कहते हैं- अगर हम आज भी टिकैत के खिलाफ नहीं बोलेंगे तो उसकी वजह से ईमानदार नेताओं की इमेज खराब होगी और फिर हमारी कोई नहीं सुनेगा। वहीं अब देखना होगा कि, आखिर इनके इस आरोप से टिकैत क्या कोई प्रतिक्रिया देते हैं. बहरहाल अब इस बयान के सामने आने के बाद हल’चल तेज होने वाली है.

भारतीय किसान यूनियन ने खत्म किया आंदोलन

दिल्ली-नोएडा स्थित चिल्‍ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भानू गुट ने भी धरना ख’त्‍म करने का एलान कर दिया है। इसके साथ ही वीएम सिंह के ग्रुप ने भी लाल किले पर दूसरे रंग का ध्‍वज फहराए जाने के विरो’ध में आंदोलन खत्‍म किया है। भानू गुट ने इसे गलत बताते हुए धरना ख’त्‍म करने के लिए कोर कमेटी की बैठक जिसके बाद यह धरना खत्‍’म किया।

भानु ग्रुप चिल्ला बॉर्डर पर बैठा था जिन्होंने लाल किले में हुए हंगा’मे पर नाराजगी जताते हुए इस आंदोलन को खत्म करने का एलान किया है. हालांकि उन्होंने कहा कि, कृषि कानून के खिलाफ उनकी ल’ड़ा’ई जारी रहेगी। वह खत्म नहीं हुई है, बस उन्होंने अपना आंदोलन खत्म किया है और पीछे हटने की बात कही है.

किसान नेता वीएम सिंह ने भी की घट’ना की निंदा

इधर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता वीएम सिंह ने प्रेस वार्ता कर कहा कि, बुधवार को आज गाजीपुर बॉर्डर पर से हट जाएंगे। राष्ट्रीय किसान आंदोलन संगठन अब इस आंदोलन का हिस्सा नहीं है। कल की हिं’सा की निंदा करते हुए कहा कि जो भी इसके जिम्मेदार हैं उन सभी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

रूट से हटकर कुछ किसान पहुंचे लाल किला

ऐसे में अब दो बड़े किसान नेताओं द्वारा आंदोलन को खत्म करने के एलान के बाद हल’चल काफी तेज हो गई है. अब ऐसी चर्चाये जोरों पर हैं कि, किसान नेताओं में आपस में ही अब तालमेल नहीं रहा और लोग एक दूसरे पर ही नाराजगी जता रहे हैं. बहरहाल अब आगे देखने होगा कि, आखिर अन्य किसान नेता भी क्या कोई बड़ा निर्णय लेते हैं.

सुरजेवाला बोले- अब अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए

दूसरी तरफ लाल किले पर हुई घट’ना को लेकर सियासी हल’चल भी काफी बढ़ गई है. कई पार्टियों ने इसे भाजपा की सा’जिश बताया है और केंद्र सरकार को ही जिम्मेदार बता दिया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा- ‘किसान आंदोलन की आ’ड़ में हुई सुनियोजित हिं’सा के लिए गृहमंत्री अमित शाह जिम्मेदार है.

सुरजेवाला बोले- अब अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए

उन्हें एक पल भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें तुरंत बर्खा’स्त करे वरना साबित होगा कि पीएम भी गृहमंत्री के साथ इसमें शामिल थे. सुरजेवाला आगे कहते हैं- दीप सिद्धू और उसके साथी कैसे लाल किले में दाखिल हुए, वो सिद्धू जो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ तस्वीरें खिंचवा के सार्वजनिक करता रहा, क्यों नहीं उसे वहीं उसी वक्त गिरफ्तार किया गया? साफ है किसान आंदोलन को बद’नाम करने की सा’जि’श थी.’

संजय राउत ने पूछा अब किसका इस्तीफा मांगा जाएगा?

शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कई ट्वीट कर केंद्र सरकार पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि, कानून लोगों के लिए बनाए जाते हैं, अगर लोग खुश नहीं हैं तो ये कानून किसके लिए हैं? आज हुई हिं’सा का जिम्‍मेदार कौन है?

उन्‍होंने कहा कि यदि कोई और सरकार होती तो उससे तुरंत इस्‍तीफा मांगा जाता, कानून व्‍यवस्‍था कौन देख रहा है? उन्‍होंने सत्‍तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा कि अब ममता बनर्जी या उद्धव ठाकरे का इस्‍तीफा मांगें.

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