दिल्ली में प्रवेश के लिए हजारों किसान सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे हुए हैं. वह सरकार को चेता’वनी भी दे चुके हैं कि, अगर सरकार ने नहीं सुनी तो वह दिल्ली के सभी रास्ते बंद कर देंगे। वहीं सरकार ने किसान संगठनों को बतचीत के लिए बुलाया था. किसान भवन में कई घंटे तक बातचीत चली. मीटिंग खत्म होने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि, बात नहीं बनी और हमारा आंदोलन जारी रहेगा। वहीं अब किसान आंदोलन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्ख़ियों में आ गया है. हाल ही में किसानों को लेकर कनाडा (Canada PM react On Kisan andolan) के पीएम ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी जिसके बाद देश में सियासी हल’चल काफी बढ़ गई है.
जाहिर है किसान आंदोलन को लेकर देश भर में चर्चा हो रही है. लगातार विपक्ष मोदी सरकार की आलोचना कर रहा है और किसानों की बात न सुनने का आरोप लगा रहा है. लेकिन अब यह मुद्दा अंतराष्ट्रीय स्तर पर सुर्ख़ियों में आ चुका है.
कनाडा के पीएम ने किसानों की स्थिति को बताया चिं’ता’जनक
आपको बता दें कि, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Canada PM React ON Kisan Andolan) ने भारत में जारी किसानों के आंदोलन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रद’र्शन के अधिकारों का समर्थन करता है. गुरु नानक जयंती के अवसर पर कनाडाई प्रधानमंत्री ने सिख कम्युनिटी के लोगों को संबोधित किया. इसी दौरान उन्होंने भारत में जारी किसानों के प्रद’र्शन पर बात की. जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत से किसानों के प्रद’र्शन को लेकर जो खबरें आ रही हैं, वो चिं’ताज’नक हैं.
हमें आप लोगों के परिजनों की चिं’ता’एं हैं. जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रद’र्शन के हक में है और भारत में ऐसे प्रद’र्शनों के हक में अपनी बात रखता रहेगा. उन्होंने कहा कि हम कई तरीकों से भारतीय प्रशासन के साथ संपर्क में हैं और अपनी चिं’ता’ओं को व्यक्त कर रहे हैं. ये वक्त हैं जब हम एकजुट रहें. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी पर बीजेपी राम माधव ने ट्वीट कर टिप्पणी की है. राम माधव ने कहा है कि क्या ये भारत के आंतरिक मामलों में दखल करना नहीं हुआ?
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कनाडा के रक्षा मंत्री भी जता चुके हैं चिं’ता
यही नहीं कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से पहले वहां के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर किसानों के प्रदर्शन पर राय रखी थी. उन्होंने कहा था कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर जो ए’क्श’न लिया जा रहा है, वो गलत है. मेरे क्षेत्र के कई लोगों के जानने वाले उन प्रद’र्शनों में शामिल हैं, ऐसे में ये चिं’ता का विषय है. सरकार को कानूनी तरीके से मुद्दे को सुलझाना चाहिए.
सिर्फ कनाडा ही नहीं, बल्कि यूनाइटेड किंगडम में भी पंजाब के मसले पर चर्चाएं जारी हैं. ब्रिटेन के कई सांसदों ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पंजाब में जारी विरोध प्रद’र्शन को लेकर चिं’ता व्यक्त की है और सरकार से बातचीत के जरिए हल निकालने को कहा है.
राहुल ने बिना नाम लिए मोदी सरकार पर साधा नि’शाना
जाहिर है किसानों के आंदोलन को लेकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार को नि’शाने पर लिए हुए है. लगातर नेता केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं. इसी बीच अब एक बार फिर राहुल ने बिना नाम लिए सरकार पर तंज कसा है. राहुल ने ट्विटर पर लिखा- अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं, और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है। ये क़र्ज़ उन्हें न्याय और हक़ देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दु’त्का’र कर, लाठियाँ मा’र’कर और आंसू गैस चलाकर। राहुल ने आगे लिखा- जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।
महाराष्ट्र के किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ उठाई आवाज
जी हां इस वक्त जहां दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों ने डेरा जमा रखा है. तो इसी बीच अब महाराष्ट्र के किसान संगठनों ने भू आवाज बुलंद कर दी है. उन लोगों का कहना है कि, अगर किसानों के साथ सरकार की जल्द सहमति नहीं बनी तो हम भी दिल्ली को घेरने के लिए वहां पहुंचगें।
जाहिर है आज मंत्रियों से कई घंटे बात चली लेकिन कोई बात नहीं बनी और अब 3 तारीख को फिर से सरकार और किसान संगठनों के बीच मीटिंग होनी है. लेकिन अब महाराष्ट्र के किसानों ने भी दिल्ली कूच करने की बात कह दी है. अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली पूरी तरह से ठप हो जायेगी। जाहिर है किसानों ने दिल्ली के सभी बॉर्डर पर डेरा जमाया हुआ है और ऐसे में अब इनकी संख्या और बढ़ी तो हालात कुछ और देखने को मिल सकते है.
किसानों का आंदोलन रहेगा जारी, सरकार से नहीं बनी बात
किसान नेताओं के साथ मोदी सरकार के मंत्रियों ने करीब 3 घंटे तक बातचीत की. इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने जानकारी दी कि बैठक सकारात्मक रही और 3 दिसंबर को फिर से बैठक होगी. बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक अच्छी रही और हमने तय किया है कि तीन दिसंबर को फिर से बातचीत होगी. हम चाहते हैं कि किसान एक छोटा समूह बनाएं लेकिन किसान नेताओं का मानना है कि सभी के साथ बातचीत होनी चाहिए. हमें इससे कोई सम’स्या नहीं है. तोमर ने कहा कि हमने किसानों से प्रद’र्शन खत्म करने की अपील की है और बातचीत के लिए आने के लिए कहा है. हालांकि फैसला संगठनों और किसानों पर निर्भर है.
किसानों के प्रतिनिधिमंडल सदस्य चंदा सिंह ने बैठक के बाद कहा कि कृषि कानून के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. और हम सरकार से कुछ न कुछ वापस जरूर लेकर जाएंगे, चाहे वह गोली हो या फिर शांतिपूर्णल. हम फिर से उनके पास चर्चा के लिए आएंगे. सरकार और किसान नेताओं के बैठक के बाद किसान नेता रुलदू सिंह मनसा ने कहा कि हम बड़ी कमेटी की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार छोटी कमेटी बनाना चाह रही है इसलिए आज की बैठक में कुछ फैसला नहीं हुआ, अब दोबारा 3 तारीख को बैठक होगी।