कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. दिल्ली की ठंड और बारिश के बाद भी किसानों के हौसले डिगे नहीं है और उनका कहना है कि, वह अपना हक़ लेकर ही जाएंगे। वहीं किसानों के साथ ही विपक्ष भी लगातार मोदी सरकार को घेर’ने में लगा हुआ है और क़ानूनों को रद्द करने की मांग उठा रहा है. इस कड़ी में अब पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder react on Farm Laws) ने साफ तौर पर कहा कि तीनों कृषि कानून किसान विरो’धी हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
ऐसे में अब कैप्टन के सुप्रीम कोर्ट जाने की वाले बयान के बाद से सियासी हल’चल और तेज हो गई है. जाहिर है इससे पहले भी वह किसानों के समर्थन में उतर चुके हैं. वहीं आम आदमी पार्टी के नेता पंजाब सरकार पर आरोप लगा रही है.
किसानों के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जायेंगे कैप्टन
दरअसल कैप्टन अमरिंदर (Captain amrinder react on Farm Laws) ने किसानों के समर्थन में फिर आवाज उठाते हुए केंद्र से कहा कि अगर किसान कानूनों को वापस लेने के लिए कह रहे हैं तो आप कानून वापस ले सकते हैं और बाद में किसान संगठनों से बात कर सकते हैं कि आप कौन सा कानून चाहते हैं. लेकिन राज्य में शांति लाने और किसानों को घर लाने के लिए कानूनों को निरस्त करें क्योंकि वे इसकी मांग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी भी कानून में वह पवित्रता नहीं है जिसे छुआ नहीं जा सकता. उदाहरण के लिए, संविधान को 1950 में पेश किए जाने के बाद 100 बार संशोधित किया गया है. ऐसा क्यों है कि इस कानून में संशोधन नहीं किया जा सकता है और आपको इसे वापस लेना है? इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री के स्तर पर इसका समाधान मिलना चाहिए. उन्हें अपने मंत्रियों और गृह मंत्री के साथ बैठकर बात करनी चाहिए और समाधान निकलना चाहिए. समाधान आखिरकार प्रधानमंत्री को ही ढूंढना होगा.
ठंड और बारिश में भी डटे हैं किसान
जाहिर है दिल्ली में बीते कुछ दिनों में काफी बारिश हुई है, जिसकी वजह से सड़क किनारे रह रहे किसानों के टेंट में पानी भर गया. लेकिन इस परेशनी के बाद भी उनके हौसले पस्त नहीं हुए हैं और अब वह अपने अपने ट्रैक्टर ट्रॉलियों में तिरपाल डालकर रह रहे हैं. पुरुषों के साथ ही अब सिंघु बॉर्डर (Farmers At SInghu Border) और टिकरी पर भारी संख्या में महिलाओं और बच्चों का भी जमावड़ा देखने को मिल रहा है.
सभी अपने परिवार के साथ टेंट और ट्रॉलियों में रह रहे हैं और अपने हक के लिए लगातार आवाज उठा रहे हैं. किसानों का बार बार यही कहना है कि, वह अब वापस नहीं जाने वाले है. जब तक इन कानूनों को मोदी सरकार वापस नहीं ले लेती है.