कृषि बिल को वापस लिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर हजारों किसान पिछले काफी समय से डटे हुए हैं. किसान लगातार यह मांग कर रहे हैं कि, कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. उनका कहना है कि, सरकार कृषि बिल वापस ले लेगी हम आंदोलन ख़त्म कर देंगे। वहीं किसानों के इस आंदोलन के बीच कई नेताओं की बयानबाजी भी सामने आ रही है और लोग खालि’स्तानी और पाक चीन का हाथ बता चुके हैं. ऐसे में अब उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Support Kisan andolan) ने किसानों का समर्थन करते हुए उन नेताओं पर हम’ला बोला है.
ठाकरे ने किसानों के लिए आवाज उठाई और उन नेताओं पर निशा’ना साधा जो आंदोलन को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं. ठाकरे ने कहा कुछ नेता हैं जो किसानों को आतं’कवा’दी बता रहे हैं, वहीं कुछ चीन और पाक के शामिल होने की बात भी कह चुके हैं.
सीएम ठाकरे बोले- वो लोग इंसान कहलाने के लयक नहीं
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Suport Kisan Andolan) एक बार फिर खुलकर किसानों के समर्थन में नजर आ रहे हैं. दरअसल उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के एक बयान का जवाब देते हुए कहा, “मैं देवेंद्र जी से कहना चाहूंगा की उन्हें महाराष्ट्र में इमर’जेंसी दिखाई दे रहा है तो दिल्ली में क्या हो रहा है.. ठंड में किसान आंदोलन कर रहे हैं और हमारे अन्नदाता को सरकार में बैठे लोग देश’द्रो’ही, पाकि’स्ता’नी कह रहे हैं, यह सही नहीं है.”
ठाकरे अपनी बात को आगे बढ़ते हुए कहते हैं कि, मैं कहना चाहूंगा जो लोग अन्नदाताओं, हमारे किसानों को आतं’कवादी कह रहे हैं. वह लोग तो इंसान कहलाने के लायक भी नहीं हैं. ऐसे में उद्धव ने किसानों के लिए आवाज उठाते हुए नेताओं पर नि’शाना साधा है.
देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा था
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे नीत महाविकास आघाड़ी सरकार पर सभी मो’र्चों पर विफल रहने और इस विषय पर बहस से बचने का आरोप लगाया था. राज्य विधानसभा का दो दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फडणवीस ने दावा किया कि यह दरअसल एक दिवसीय सत्र ही है जिसमें अनुपूरक मांगों को पारित करने के लिए केवल छह घंटे का वक्त मिलेगा.
फडणवीस ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता’रूढ़ दल की नाकामी के विरो’ध में सत्र से एक दिन पहले होने वाली रस्मी चाय पार्टी का बहि’ष्का’र किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने शीतकालीन सत्र दो हफ्ते का आयोजित करने की विपक्ष की मांग को खा’रिज कर दिया और इस बात से भी इनकार कर दिया कि अगले वर्ष बजट सत्र नागपुर में होगा.
किसानों के लिए उपवास रखेंगे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, “मैं आप कार्यकर्ताओं, समर्थकों और जनता से अपील करता हूं कि वे किसानों के समर्थन में कल एक दिवसीय उपवास करें. मैं भी कल उपवास करूंगा.” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “कुछ केंद्र सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता कह रहे हैं कि किसान राष्ट्र-विरो’धी हैं. कई पूर्व सैनिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, गायक, मशहूर हस्तियां, डॉक्टर, व्यापारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं. बीजेपी से पूछना चाहते हैं कि क्या ये सभी लोग भी देश’द्रो’ही हैं?”
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “कृषि कानूनों के खिलाफ प्रद’र्शन कर रहे किसानों की सभी मांगों को केंद्र को तुरंत स्वीकार करना चाहिए और एमएसपी की गारंटी के लिए विधेयक लाना चाहिए. केंद्र को अहं’कार छोड़ देना चाहिए और किसान जिन तीन कृषि कानूनों का विरो’ध कर रहे हैं उन्हें रद्द कर देना चाहिए.” मुख्यमंत्री ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कही.
पंजाब के DIG ने किसानों के लिए दे दिया इस्तीफा
सरकार के साथ कई दौर की बात होने के बाद भी कोई हल नहीं निकलने से किसान नाराज हैं. उन्होंने अपने आंदोलन को तेज करने की बात कह दी है. वहीं किसानों को देश भर से समर्थन भी मिलता नजर आ रहा है. इसी बीच पंजाब के उप महानिरीक्षक (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रविवार जाखड़ ने कहा कि उन्होंने नए कृषि कानूनों के विरो’ध और किसानों के समर्थन में अपनी सेवा से इस्तीफा दे दिया है.
जाखड़ ने आगे कहा कि उन्होंने शनिवार को राज्य सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. नए कृषि कानूनों के वि’रोध में पंजाब, हरियाणा और अन्य क्षेत्रों के हजारों किसानों ने विभिन्न दिल्ली बॉर्डर पॉइंट्स बंद किए हुए हैं. दरअसल, किसानों को ड’र है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को समाप्त कर दिया जाएगा, जिससे उन्हें बड़े कॉर्पोरेट्स की “द’या” का मोहताज होने पड़ेगा.
डीआजी बोले- अगर मैं ड्यूटी पर रहकर यह नहीं कर सकता था
लखमिंदर सिंह बोले- किसान कितने दिनों से शांतिपूर्ण प्रद’र्शन कर रहे हैं. कोई भी उनकी सुनने को तैयार नहीं है. वह आगे कहते हैं- मैं फ़ोर्स में एक बड़े औधे पर रहकर ऐसा नहीं कर सकता था. कई नियम और कानून होते हैं, मैं पोस्ट पर रहकर किसान भाइयों की मदद नहीं कर सकता था. इसलिए मैंने निर्णय लिया कि, मैं अब अपना इस्तीफा दें दूं. वहीं अब उनके इस तरह से किसानों के हित में इस्तीफा देने से हर तरफ खल’ब’ली मच गई है और हर कोई अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है.