कृषि कानून के खिलाफ किसनों का आंदोलन जारी है. कल यानी 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आव्हान किया है और भारी संख्या में किसान चारों तरफ से दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. किसानों ने 8 तारीख को भारत बंद भी बुलाया है. इसको लेकर कई राजनीतिक पार्टियां (Political Parties Support Bharat Bandh) अब खुलकर किसानों के समर्थन में उतर आई हैं और उन्होंने भी इस भारत बंद में शामिल होने का एलान कर दिया है. वहीं अब सीएम योगी (CM Yogi Angry on Opposition) ने पहली बार किसान आंदोलन को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी और विपक्ष पर नि’शाना साधा है.
जाहिर है किसान लगातार केंद्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि, वह जल्द से जल्द कृषि कानूनों को वापस ले लें. लेकिन कई दौर की बैठक के बाद भी अब तक हल नहीं निकला है. अब पंजाब, हरियाणा के किसानों के साथ ही उत्तर प्रदेश, राजस्थान व अन्य शहरों से भी किसान संगठन दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं.
सीएम योगी का विपक्ष पर हम’ला
किसानों द्वारा बुलाये गए भारत बंद में राजनीतिक पार्टियों के दखल से अब सियासी हल’चल बढ़ती नजर आ रही है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बाद अब सीएम योगी ने विपक्ष को नि’शाने पर लिया है. सीएम ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर राजनीति दलों द्वारा वातावरण खराब करने की कोशिश की जा रही है.
कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार ने साल 2010-11 में विभिन्न राज्यों को पत्र भेजे थे. उस समय तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यों को पत्र भेजे थे. उन्होंने उस समय कहा था कि एपीएमसी एक्ट में व्यापक संशोधन की आवश्यकता है और मॉडल एक्ट भारत सरकार तैयार कर रही है. वह कहते हैं यह सभी कानून किसानों के हित में है. लेकिन अब कुछ राजनीतिक पार्टियां भ्र’म फैलाने का काम कर रही हैं. अपने समय में तो इन लोगों ने किसानो के हित का सोचा नहीं। अब सरकार काम कर रही है तो यह लोग अलग रुख अपना रहे हैं.
कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने के लिए आंदोलन में हुई शमिल
किसान आंदोलन में शामिल होने की बात लगभग सभी विप’क्षी दल कह चुके हैं. ऐसे में अब भाजपा ने इन सभी पर पलट’वार किया है. कांग्रेस पर नि’शा’ना साधते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”आज जब कांग्रेस का राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है।
बार-बार चुनाव में हार मिल रही है, फिर चाहे लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम चुनाव हों। यह अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरो’धी आंदोलन में शामिल हो जाती है।”
विपक्ष को एक मौका मिल रहा है इसलिए कूद रहे हैं
रविशंकर ने कहा कि किसानों से संबंधित सुधारों को लेकर जो कानून बने हैं, उसको लेकर कुछ किसान संगठनों ने जो शं’का उठाई है, उसके लिए चर्चा हो रही है। चर्चा की अपनी प्रक्रिया है, जो सरकार कर रही है।
लेकिन अचानक तमाम विप’क्षी या गैर-भाजपाई दल कूद गए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेंद्र मोदी का विरो’ध करने का एक और मौका मिल रहा है।
केजरीवाल ने खुलकर किया भारत बंद का समर्थन
जाहिर है किसानों के भारत बंद को लेकर जबर’दस्त तैयारी हो रही है. पेट्रोल पंप संगठन से लेकर ट्रेड यूनियन और ट्रांसपोर्ट यूनियन सबने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है. इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को कहा कि देशभर में आप कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी हड़’ताल का समर्थन करेंगे. उन्होंने सभी नागरिकों से किसानों का समर्थन करने की अपील की. देश के अलग-अलग शहरो ने किसान संगठन अब किसानों के आंदोलन और भारत बंद का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. वहीं राजनीतिक पार्टियां भी खुलकर अब किसानों के साथ आ गई हैं.
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘8 दिसंबर को किसानों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान का आम आदमी पार्टी पूरी तरह से समर्थन करती है। देश भर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीक़े से इसका समर्थन करेंगे। सभी देशवासियों से अपील है की सब लोग किसानो का साथ दें और इसमें हिस्सा लें’