बंगाल में सियासी पारा इन दिनों काफी बढ़ा हुआ है. भाजपा और टीएमसी पूरे जोर शोर से बंगाल चुनाव में जीत दर्ज करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. भाजपा लगातार मजबूत होती नजर आ रही है. तो वहीं कांग्रेस, लेफ्ट और अन्य भी जनता को साधने में लगे हुए हैं. इसी बीच खबर है कि, कांग्रेस नेता अधीर रंजन (Congress Leader ask Mamta didi for alliance) ने ममता दीदी को साथ आने की बात कही है. वहीं कुछ दिन पहले यह खबर भी आई थी कि, ममता बनर्जी की तरफ से भी पार्टियों से साथ आने की अपील की गई थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी से आह्वान किया है कि वह अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को भं’ग कर अपनी मूल पार्टी कांग्रेस में विलय कर लें.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नॉर्थ 24 परगना से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सांप्र’दायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने तथा भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस पार्टी को भं’ग करने और कांग्रेस के साथ विलय करने के लिए आमंत्रित किया है. उनका मानना है कि सांप्र’दायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए तृणमूल का समर्थन करने के बजाए ममता बनर्जी को कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए.
वहीं टीएमसी द्वारा अन्य पार्टियों से साथ आने की अपील पर बीजेपी ने कहा कि तृणमूल की यह पेशकश दिखाती है कि वह पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में होने वाले संभावित विधानसभा चुनावों में अपने दम पर भगवा पार्टी का मुकाबला करने का सामर्थ्य नहीं रखती है.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘‘अगर वाम मोर्चा और कांग्रेस वास्तव में बीजेपी के खिलाफ हैं तो उन्हें सांप्र’दायिक एवं विभा’जनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ देना चाहिए. ममता बनर्जी ही बीजेपी के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष राजनीति का असली चेहरा हैं.’’
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रस्ताव पर राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने प्रदेश में बीजेपी के मजबूत होने के लिए सत्तारूढ़ दल को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा, ‘‘हमें तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं है.
अगर ममता बनर्जी बीजेपी के खिलाफ लड़ने की इच्छुक हैं तो उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए क्योंकि वही सांप्र’दायि’कता के खिलाफ लड़ाई का एकमात्र देशव्यापी मंच है.’’ गौरतलब है कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कांग्रेस से अलग होकर 1998 में तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की थी. जाहिर है टीएमसी के कई बड़े नेताओं ने जिस तरह से ममता दीदी का साथ छोड़कर भाजपा का साथ उससे पार्टी की भी नुक्सान होता नजर आ रहा है. वहीं भाजपा मजबूत होती जा रही है.
ऐसे में अब कांग्रेस की तरफ से भी पूरी तैयारी शुरू कर दी गई है, अब देखना होगा कि, आखिर चुनाव आते-आते आगे और क्या उथल पुथल देखने को मिलती है. बहरहाल अभी बंगाल में सियासी गर्मी काफी तेज है और भाजपा और टीएमसी में मिशन फतह करने की जबर’दस्त लड़ाई चल रही है.