कांग्रेस पार्टी एक तरफ जहां हर चुनाव में हार का सामना करती नजर आ रही है. लेकिन हाल ही में कांग्रेस ने ऐसा कमाल कर दिखाया है जिसके बाद हर तरफ पार्टी की चर्चा हो रही है. जी हां कांग्रेस ने मात्र कुछ ही सीटें जीतकर एक इतिहास रच दिया है. दरअसल महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस (Congress Win In RSS Home seat Nagpur) ने विधान परिषद चुनाव में भाजपा के गढ़ रहे नागपुर में बड़ी सफलता हासिल की है।
सभी राजनीतिक भविष्यवाणियों को खा’रिज करते हुए, 58 साल के अंतराल के बाद 47 साल के कांग्रेस के युवा नेता अभिजीत वंजारी ने द्विवार्षिक चुनावों में प्रतिष्ठित नागपुर डिवीजन ग्रेजुएट्स कांस्टीट्यूएंसी सीट हासिल की है, जिसके परिणाम शुक्रवार को घोषित किए गए।
आरएसएस के गढ़ में कांग्रेस ने रचा इतिहास!
महा विकास अघाडी (एमवीए) के साझेदार शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस का इन चुनावों में शानदार प्रद’र्शन रहा है। इस सीट से विप’क्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार और नागपुर के मेयर संदीप जोशी को करा’री हार का सामना करना पड़ा है।
छह सीटों के लिए एक दिसंबर को हुए द्विवार्षिक चुनावों में एमवीए ने चार सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि भाजपा को महज एक सीट पर जीत मिली है। एक सीट पर निर्दलीय की जीत हुई है। हालांकि नागपुर डिवीजन की जीत सबसे अधिक मायने रखती है। क्योंकि कांग्रेस (Congress Win In RSS Home seat Nagpur) ने यहां एक तरह से भाजपा से उसका ताज छी’न लिया है। नागपुर भाजपा के वैचारिक गुरु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का घर कहा जाता है, जहां उसका मुख्यालय भी है। यहां 58 साल बाद ऐसा हुआ है कि भाजपा के उम्मीदवार से कांग्रेस ने ताज छी’न लिया है।
कांग्रेस ने कर दिखाया कमाल
उत्साही नेता माने जाने वाले वंजारी ने एमवीए भागीदारों, लोगों के समर्थन और खुद की कड़ी मेहनत के प्रयासों से यह सफलता पाई है और उन्होंने मिशन असंभव को संभव कर दिखाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सीट पर पहले जनसंघ का क’ब्जा रहा और बाद में भाजपा के अस्तित्व में आने के बाद यह सीट उसके पास रही। नागपुर से दि’वंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के पिता दि’वंगत गंगाधरराव फड़नवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजनीति में जाने से पहले यहां का प्रतिनिधित्व किया। गडकरी ने तो इस सीट का चार बार (1989 से 2014) प्रतिनिधित्व किया।
इन चुनाव परिणामों पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, तस्वीर ने स्पष्ट रूप से बदल दिया है कांग्रेस ने नागपुर सीट जीत ली है। यह एमवीए सरकार के प्रद’र्शन में विश्वास का प्रतिबिंब है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने इसे, एमवीए द्वारा किए गए अच्छे कार्यो के लिए लोगों का आशीर्वाद कहा।
बिहार से लेकर उप चुनावों में पार्टी को मिली है हार
जाहिर है हाल ही में हुए बिहार विधानसभा से लेकर कई राज्यों के उप चुनावों में पार्टी को करा’री हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन यह सभी हार इस जीत के आगे काफी मायने रखती है. भले ही यह चुनाव छोटा था और कांग्रेस ने मात्र कुछ सीटों पर कमाल दिखाया, लेकिन 58 साल बाद ऐसा हुआ है जब आरएसएस के गढ़ में कांग्रेस के उम्मीदवार ने इतना शानदार प्रद’र्शन किया।
बीते काफी समय से जो कांग्रेस को लगातार हर जगह सिर्फ हार का सामना करना पड़ रहा था. वहीं अब इस बड़ी जीत के साथ ही नेताओं में ख़ुशी मनाने का एक मौका मिल गया है.