कृषि कानून को लेकर किसानों के आंदोलन को 50 दिन से अधिक हो चुका है. किसानों की संख्या भी दिल्ली बॉर्डर पर लगातार बढ़ रही है और अब किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारी कर रहे हैं. जाहिर है किसानों ने 26 तारीख को ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कही है और इसके लिए अब अलग-अलग शहरों से किसान अपने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं. तो वहीं हाल ही में हुई मीटिंग में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए किसानो को प्रस्ताव दिया। सरकार की तरफ से किसानों को प्रस्ताव दिया गया कि, वह इन कानूनों को कुछ सालों के लिए स्थगित कर सकती है.
इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने आपस में बातचीत कर फैसला लेने की बात कही, जिसके बाद अब 22 जनवरी को बैठक होनी है. अब देखना होगा कि, आखिर आगे इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं की तरफ से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है और वह क्या इस प्रस्ताव को मानने को तैयार होंगे।
सरकार ने किसानों के सामने रखा बड़ा प्रस्ताव
बुधवार की बैठक में सरकार की ओर से नए कृषि कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया. वहीं किसान नेता कानूनों को वापस लेने की बात कहते रहे. बाद में सरकार ने नए कृषि कानूनों को 1-1.5 साल होल्ड करने का प्रस्ताव रखा और इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने की भी बात कही.
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से बातचीत कहा कि, वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है. 22 जनवरी को किसी समाधान पर पहुंचने की संभावना है. किसान संगठनों के साथ बातचीत में हमने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को एक या डेढ़ साल होल्ड करने के लिए तैयार है. मुझे खुशी है कि किसान संगठनों ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है और कहा है कि वह इस पर गुरुवार को विचार करेंगे और 22 जनवरी को अपना फैसला बताएंगे.
कमेटी तय करेगी 3 कानूनों और MSP का भविष्य
बैठक के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, ‘बैठक में 3 कृषि कानूनों और MSP पर बात हुई. सरकार ने कहा कि हम एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और 3 कानूनों पर 1-1.5 साल के लिए रोक लगा देंगे. एक कमेटी बनेगी जो 3 कानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी. कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे. हमने कहा हम इस पर विचार करेंगे.’
26 जनवरी को किसान करेंगे ट्रैक्टर परेड
बता दें कि, आगामी 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकालने का एलान किया हुआ है. इसकी तैयारी जोरों पर है और अलग-अलग शहरों से किसान दिल्ली अपने ट्रैक्टर लेकर पहुंच रहे हैं.
तो वहीं किसानों के इस कार्यक्रम को कई लोगों का समर्थन भी मिलता नजर आ रहा है. सपना चौधरी के पति वीर साहू ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, किसान आंदोलन में वह घड़ी आ गई है, जब घर से निकलकर अपने किसान भाईयों के साथ मैदान में आने का सबसे जरूरी मौका आन पड़ा है। साथियों, आप सभी ने अलग अलग तरीके से किसान आंदोलन में अपना सहयोग किया है लेकिन अब 26 जनवरी के लिए घर से निकलकर शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली कू’च में शामिल होना आप और हम सब की जिम्मेदारी है.
इसलिए सभी साथी दिल्ली कूच की तैयारी करें और किसान और मजदूर हितों के लिए एक होकर आगे बढ़ें। वीर ने लिखा- किसानों के हक़ में आवाज उठाने का अब सही समय आ गया है, अब अगर हम उनके लिए नहीं खड़े हुए और किसान हित के लिए एक हों.
बता दें कि सपना चौधरी पहले से किसानों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद कर चुकी हैं। यही नहीं कई अन्य स्टार्स भी किसानों के लिए आवाज उठा रहे हैं और एक के बाद एक लोग सिंघु बॉर्डर पर पहुंच किसानों के हक के लिए सरकार से भी मांग कर चुके हैं.
कानून वापस करने की तेज हो रही है मांग
बता दें कि, सभी किसान नेता और संगठन सरकार से लगातार कानूनों को वापस लेने की ही मांग कर रहे हैं. इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला उम्मीद जताईं कि किसानों की मांगें पूरी होंगी और नए कृषि कानून र’द्द होंगे. हरियाणा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैंने चौधरी देवीलाल की नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए एक पहल करने का फैसला किया है.
जाहिर है किसानों के आंदोलन को 50 दिन से अधिक हो गया है और उनका कहना है कि, ठंड हो या बारिश वह जब तक वापस नहीं जायेंगे जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते हैं.