पिछले काफी समय से सीएम उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र पर ह’मला’वर नजर आ रही कंगना ने फिर निशा’ना साधा है. आपको बता दें कि, इस बार कंगना (Kangana angry on CM Uddhav) ने एक ऐसे मुद्दे को लेकर उद्धव सरकार को निशाने पर लिया है जिसको लेकर प्रदेश में काफी हं’गा’मा देखने को मिल रहा है. दरअसल प्रदेश में मंदिर खोले जाने की मांग को लेकर कई लोग प्र’द’र्शन कर रहे हैं. इसी को लेकर कंगना ने उद्धव ठाकरे सरकार की तुलना अब गुं’डे से कर दी है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) को पत्र लिखकर को’विड बचा’वों के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने पर फैसला लेने के लिए कहा था. कोश्यारी के इस पत्र की खबर को ट्वीट कर कंगना (kangana angry on CM Uddhav) ने लिखा- “ये जानकर अच्छा लगा कि गुं’डा सरकार से माननीय राज्यपाल साहब सवाल कर रहे हैं, गुं’डों ने बार और रेस्त्रां खोल दिए लेकिन रण’नी’ति के तहत मंदिरों को अभी भी बंद रखा है. सोनिया सेना, बाबर की सेना से भी ख’राब ब’र्ता’व कर रही है.”
दरअसल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जो चिट्ठी लिखी थी उसमें उन्होंने कहा कि 1 जून से आपने मिश’न अगेन शुरू करने की घोषणा की थी. लेकिन अब चार महीने बीत जाने के बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं. राज्यपाल ने कहा, ‘यह वि’डं’बना है कि एक तरफ सरकार ने बा’र और रे’स्त’रां खोले हैं. लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्ष’धर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति जाहिर की है.’
कोश्यारी ने उद्धव से किया था ये सवाल
कोश्यारी ने अपने पत्र में आगे कहा, ‘आपने आ’षा’ढ़ी ए’काद’शी पर वि’ट्ठ’ल रुक्मणी मंदिर का दौरा किया था, क्या आपने अचानक खुद को सेक्युलर बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफ’रत है?’
सीएम ठाकरे ने दिया ये जवाब
इस पत्र के जवाब में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल बीएस कोश्यारी को सूचित किया है कि, राज्य में कोविड-19 सं’बं’धी हा’ला’त की पूरी समीक्षा के बाद धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया जाएगा. ठाकरे ने कोश्यारी के सोमवार को लिखे पत्र के जवाब में मंगलवार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार इन स्थलों को पुन: खोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी.
धर्मनिरपेक्षता के सवाल पर पर ठाकरे ने पल’टक’र पूछा कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब ध’र्म’निर’पेक्ष होना है.
ठाकरे ने कहा, ‘‘क्या ध’र्मनि’रपे’क्ष’ता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की भावनाओं और आस्थाओं को ध्यान में रखने के साथ साथ, उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है. लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही नहीं है.’’