कृषि कानून के खिलाफ किसनों का आंदोलन जारी है. कल यानी 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आव्हान किया है और भारी संख्या में किसान चारों तरफ से दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. किसानों ने 8 तारीख को भारत बंद भी बुलाया है. इसको लेकर कई राजनीतिक पार्टियां अब खुलकर किसानों के समर्थन में उतर आई हैं और उन्होंने भी इस भारत बंद में शामिल होने का एलान कर दिया है. सीएम केजरीवाल (Kejriwal Stand With Farmers) ने भी खुद को किसानों का सेवादार बताते हुए देश के लोगों से उनकी सेवा करने की अलील की है. केजरीवाल ने कहा कि, हमारी जिम्मेदारी बनती है कि, हम इनकी सेवा करें।
जाहिर है किसान लगातार केंद्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि, वह जल्द से जल्द कृषि कानूनों को वापस ले लें. लेकिन कई दौर की बैठक के बाद भी अब तक हल नहीं निकला है. अब पंजाब, हरियाणा के किसानों के साथ ही उत्तर प्रदेश, राजस्थान व अन्य शहरों से भी किसान संगठन दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं.
केजरीवाल ने लोगों से की किसानों की सेवा करने की अपील
जी हां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी आज किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने किसान नेताओं से बात की, साथ ही खुद को उनका सेवादार बताया। वह कहते हैं कि, हमें किसानों के इस सं’घ’र्ष में साथ देना चाहिए और सभी देश वासियों को मिलकर इनका साथ देना चाहिए। केजरीवाल ने किसानों के साथ इस मुलाकत की फोटोज शेयर करते हुए खास बात लिखी है और किसानों की सेवा करने की बात कही.
आपको बता दें कि, केजरीवाल ने किसानों के भारत बंद का भी खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- किसान भाईयों के इस संघ’र्ष में उनका साथ देते हुए हम सभी देशवासियों को एक सेवादार की तरह उनकी सेवा करनी है। यही नहीं उन्होंने अपने एक और ट्वीट में कुछ फोटोज पोस्ट करते हुए लिखा- दिन-रात मेहनत कर हमारे लिए अन्न उगाने वाले किसान भाई आज अपने हक़ की ल’ड़ा’ई ल’ड़ रहे हैं। ऐसे में हम सबका फ़र्ज़ बनता है कि हम उनका साथ दें और उनकी सेवा करें आंदोलन स्थल पर जाकर रसोई और मेडिकल जैसी अन्य व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। किसान भाइयों को किसी चीज़ की दि’क्क’त नहीं होनी चाहिए।
दिल्ली बार काउन्सिल ने दिया भारत बंद में समर्थन
दिल्ली बार काउंसिल ने भी किसानों के बंद का समर्थन किया है. 8 दिसंबर को दिल्ली की अदालतों में वकील प्रद’र्शन करेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली बार काउंसिल का कहना है कि कृषि कानून वकील विरो’धी है, क्योंकि इसमें शिकायत अदालत के बजाय एसडीएम के पास दर्ज होगी.
भारत बंद के समर्थन में राजनीतिक पार्टियां भी शामिल
जाहिर है किसानों के भारत बंद को लेकर जबर’दस्त तैयारी हो रही है. पेट्रोल पंप संगठन से लेकर ट्रेड यूनियन और ट्रांसपोर्ट यूनियन सबने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है. इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को कहा कि देशभर में आप कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी हड़’ताल का समर्थन करेंगे. उन्होंने सभी नागरिकों से किसानों का समर्थन करने की अपील की. देश के अलग-अलग शहरो ने किसान संगठन अब किसानों के आंदोलन और भारत बंद का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. वहीं राजनीतिक पार्टियां भी खुलकर अब किसानों के साथ आ गई हैं.
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘8 दिसंबर को किसानों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान का आम आदमी पार्टी पूरी तरह से समर्थन करती है। देश भर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीक़े से इसका समर्थन करेंगे। सभी देशवासियों से अपील है की सब लोग किसानो का साथ दें और इसमें हिस्सा लें’
किसानों के भारत बंद में शामिल होंगे आप कार्यकर्त्ता
आप नेता और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी ट्वीट कर कहा कि सभी कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में बंद में भाग लेंगे. गोपाल राय ने ट्वीट किया, ‘भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों द्वारा आयोजित 8 दिसम्बर को भारत बंद का राष्ट्रीय संयोजक @ArvindKejriwal जी के आह्वान पर आम आदमी पार्टी पूरे देश में करेगी समर्थन।
शरद पवार ने भी खुलकर किया किसान आंदोलन का समर्थन
जाहिर है किसान आंदोलन को देश भर के लोगों के साथ ही राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन हासिल हो रहा है. इसी बीच शरद पवार (Sharad Pawar support Kisan Andolan) ने सोमवार को कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार का हम’ला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिलों को जल्दबाजी में पास किया, जिसकी वजह से अब दि’क्क’तों का सामना करना पड़ रहा है। पवार ने कहा कि अगर जल्द हालात ठीक नहीं होते हैं तो फिर आंदोलन में पूरे देश कि किसान शामिल हो जाएंगे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कृषि कानूनों पर हो रहे किसान आंदोलन पर कहा, ”पंजाब और हरियाणा के किसान गेहूं और धान के मुख्य उत्पादक हैं, और वे विरोध कर रहे हैं। अगर जल्द ही स्थिति का हल नहीं किया गया, तो देशभर के किसान उनके साथ जुड़ जाएंगे।”
शरद पवार ने कहा कि जब बिल पारित किया जा रहा था, हमने सरकार से अनुरोध किया कि वे जल्दबाजी न करें, इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए और चर्चा की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विधेयक जल्दबाजी में पारित किया गया। अब सरकार को जल्दबाजी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।”
कांग्रेस ने भी खुलकर किया भारत बंद का समर्थन
भारत बंद का एलान पहले ही किया जा चुका था. वहीं अब सरकार से तीन दौर की वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकलने से किसान नाराज हैं. हाल ही में कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि आठ दिसंबर को पूरी ताकत के साथ ‘भारत बंद’ किया जाएगा.
वहीं कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं यहां घोषणा करना चाहता हूं कि कांग्रेस आठ दिसंबर को होने वाले भारत बंद को पूरा समर्थन देती है.’’