सिनेमा का प्रेम तो हर किसी को होता है, लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ सिनेमा हॉल में बैठकर फिल्म देखना काफी पसंद करते हैं. एंटरटेनमेंट का यह सबसे शानदार मनोरंजन है ऐसे में भारत में सिनेमा प्रेमी सबसे ज्यादा हैं. काफी टाइम आप लोग शुक्रवार को ही फिल्म देखने जाते हैं, लेकिन क्या आपके मन में भी कभी यह सवाल आता है या आया होगा कि आखिर फिल्में सिर्फ शुक्रवार को ही क्यों ज्यादातर रिलीज होती हैं.
शायद आप सोचते होंगे ऐसा क्यों होता है लेकिन पता नहीं चला. तो आइये आज हम आपको बताने की कोशिश करते हैं कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है. साथ ही यह ट्रेंड कबसे शुरू हुआ है और इसके पीछे के कितने कारण हो सकते हैं.
इसके पीछे कई वजहें बताई जाती हैं, जोकि काफी दिलचस्प भी हैं. साथ ही इसके पीछे कई अलग अलग बात कही जाती हैं. अगर आपको याद हो कि भारत में सबसे पहले फिल्म क्लासिकल थी. जिसका नाम मुगले-ए-आजम था. जो कि 5 अगस्त 1960 को रिलीज हुई.
लेकिन आप जानते है कि इस दिन भी शुक्रवार था. जिसके कारण हर शुक्रवार को फिल्म रिलीज होने की शुरुआत हुई. जी हां ऐसा कहा जाता है कि पहली फिल्म शुक्रवार को ही रिलीज हुई थी और इसके बाद से मेकर्स ने हर फिल्म को इसी दिन रिलीज करने का फैसला किया.
हालांकि भारत की पहली फिल्म तो साल 1913 में रिलीज हुई थी जिसका नाम ‘राजा हरिश्चंद्र’ था, लेकिन इसमें आवाज ही नहीं थी. लेकिन अब आपके मन में आएगा कि आखिर इतने सालों से लगातार हर फिल्म शुक्रवार को ही रिलीज होती है. तो इसके पीछे 2 3 और भी दिलचस्प कारण हैं. ऐसा कहा जाता है कि, शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
इसलिए यह दिन शुभ माना जाता है. ऐसे में फिल्म Makers का भी मानना था की फिल्मों को इस शुभ दिन पर ही रिलीज किया जाना चाहिए और इस तरह से मूवी रिलीज़ करने का कॉन्सेप्ट आया. बताया जाता है कि केवल रिलीज़ ही नहीं, कभी कभी शू’टिं’ग के लिए भी शुक्रवार से ही शुरुआत की जाती है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में फ्राइडे को फिल्म रिलीज करने का चलन 1950 के अं’त में शुरू हुआ था. हिन्दी सिनेमा में मील का पत्थर मानी जाने वाली फिल्म नील कमल 24 मार्च 1947 को सोमवार के दिन रिलीज हुई थी. इसके अलावा ऐसा कहा जाता है कि यह कॉन्सेप्ट हॉलीवुड से कॉपी किया गया है.
साल 1940 के दशक में हॉलीवुड में फिल्म के की शुरुआत हुई थी. फिल्में शुक्रवार को रिलीज होने के पीछे एक ओर बड़ा कारण था कि ऑफिस शनिवार और रविवार का बंद होना. ऐसे में ज्यादातर लोग इन्ही दिन में फ़िल्में देखने के लिए जाते हैं.
जिसके कारण शुक्रवार के इसका कारोबार अच्छी तरीके से हो सकता था. जाहिर है यह तो स्वाभाविक भी है कि लोग ज्यादातर शनिवार या रविवार को ही अपने दोस्तों या परिवार के साथ फिल्म देखने जाते हैं. हालांकि अब फिल्में गुरूवार को भी रिलीज की जाने लगी हैं.