देश में हर साल हजारों फिल्में बनती हैं. अलग अलग भाषाओं में यह सिनेमा घरों में आती हैं और दर्शक इनको देखने जाते हैं. लेकिन ज्यादातर आपने देखा होगा कि फिल्में शुक्रवार हो ही रिलीज की जाती हैं. तो क्या कभी अपने मन में भी यह सवाल आया कि आखिर ऐसा क्यों होता है. हर फिल्म शुक्रवार को ही क्यों रिलीज की जाती है. क्या यह दिन शुभ होता है, या फिर इसी दिन फिल्में रिलीज करने का एक रिवाज है. तो आइये आज हम आपको इसी खास वजह बताने की कोशिश करते हैं.
गौरतलब है कि, बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड और साउथ से लेकर नार्थ और पंजाबी इंडस्ट्री तक हर फिल्म शुक्रवार को रिलीज की जाती हैं. फिल्में तो काफी बनती हैं, लेकिन इनके लिए Friday का दिन निर्धारित होता है. शायद कई लोगों के मन में सवाल आया होगा कि इसकी वजह क्या है.
दरअसल इसके पीछे कुछ वजहें बताई जाती हैं, जोकि काफी दिलचस्प भी हैं. साथ ही इसके पीछे कई अलग अलग बात कही जाती हैं. अगर आपको याद हो कि भारत में सबसे पहले फिल्म क्लासिकल थी. जिसका नाम मु’ग’ले-ए-आजम था. जो कि 5 अगस्त 1960 को रिलीज हुई. यह फिल्म भी बेहद खास दिन पर आई थी.
पहली हिंदी फिल्म भी शुक्रवार को रिलीज हुई थी
जी हां क्या आप जानते है कि हिंदी सिनेमा की पहली फिल्म जब रिलीज हुई थी वह भी शुक्रवार था. तो यह भी एक दिलचस्प चीज मालूम पड़ती है. हिंदी की पहली फिल्म (First Hindi Film of India) जब शुक्रवार को रिलीज की गई तो इसके बाद से बाकि फिल्म मेकर्स भी शुक्रवार को ही फ़िल्में रिलीज (Why Movie Release on Friday) करने का फैसला किया. लेकिन सिर्फ यही एक वजह नहीं है. इसके पीछे एक शुभ संकेत भी माना जाता है.
जानकारी के लिए बता दें कि, भारत की पहली फिल्म साल 1913 में रिलीज हुई थी जिसका नाम ‘राजा हरिश्चंद्र’ था, लेकिन इसमें आवाज ही नहीं थी. लेकिन अब आपके मन में आएगा कि आखिर इतने सालों से लगातार हर फिल्म शुक्रवार को ही रिलीज होती है. तो इसके पीछे 2 3 और भी दिलचस्प कारण हैं.
Friday को फिल्म रिलीज होने की खास वजह
ऐसा कहा जाता है कि, शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इसलिए यह दिन शुभ माना जाता है. ऐसे में फिल्म Makers का भी मानना था की फिल्मों को इस शुभ दिन पर ही रिलीज किया जाना चाहिए और इस तरह से मूवी रिलीज़ करने का कॉन्सेप्ट आया. बताया जाता है कि केवल रिलीज़ ही नहीं, कभी कभी शू’टिं’ग के लिए भी शुक्रवार से ही शुरुआत की जाती है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में फ्राइडे (Movie Release on Friday Only) को फिल्म रिलीज करने का चलन 1950 के अं’त में शुरू हुआ था. हिन्दी सिनेमा में मील का पत्थर मानी जाने वाली फिल्म नील कमल 24 मार्च 1947 को सोमवार के दिन रिलीज हुई थी. इसके अलावा ऐसा कहा जाता है कि यह कॉन्सेप्ट हॉलीवुड से कॉपी किया गया है. साल 1940 के दशक में हॉलीवुड में फिल्म के की शुरुआत हुई थी. फिल्में शुक्रवार को रिलीज होने के पीछे एक ओर बड़ा कारण था कि ऑफिस शनिवार और रविवार का बंद होना. ऐसे में ज्यादातर लोग इन्ही दिन में फ़िल्में देखने के लिए जाते हैं.