रतन टाटा (Ratan tata) आज के समय में एक ऐसा नाम है जिन्हें देश का बच्चा-बच्चा भी जानता है। रतन टाटा एक उद्योगपति होने के अलावा एक बहुत ही परोपकारी व्यक्ति भी है। जी हां आप सभी को पता ही होगा कि 82 वर्षे रतन टाटा ने वर्तमान में देश में अपने हालिया योगदान से सबका दिल जीत लिया है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के दौरान रतन टाटा से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताते हैं। जिनके बारे में शायद ही आपको पता होगा।
इतना ही नहीं हम आपको यह भी बताएंगे कि उन्होंने अपने जीवन में कैसे सफलता पाई है। अगर आप भी उनकी तरह एक बेहद ही सफल इंसान और सफल बिजनेसमैन बनना चाहते हैं। तो आप उनकी कुछ बातों को अपने जीवन में उतार सकते हैं।
काम है सर्वोपरि
वैसे तो भारत में कई सारे ऐसे औद्योगिक घरानों के साथ होता है कि वह एक ही उद्योग के साथ-साथ राजनीति में भी दिलचस्पी लेने लगते हैं। लेकिन टाटा ग्रुप और खासतौर रतन टाटा इन चीजों से हमेशा दूर रहते हैं। उन्होंने हमेशा जीवन में काम को ही सब कुछ समझा है। इतना ही नहीं वह काम को सबसे ऊपर मानते हैं अगर आप भी सिर्फ और सिर्फ सफलता पाना चाहते हैं तो आप अपने काम पर फोकस करें।
काम ही है पूजा
रतन टाटा (ratan tata) एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके लिए काम का मतलब होता है कि उसकी पूजा करना जी हां रतन टाटा इस बात को कहते हैं कि काम तभी बेहतर होगा जब आप उसकी इज्जत करना सीख जाएंगे। साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रतन टाटा हर साल अपनी कमाई का 65 फीसद हिस्सा दान कर देते हैं. यह पैसा देश के जरूरतमंद लोगों की मदद और अन्य मददगार कार्यों में लगाया जाता है.
हर व्यक्ति को सम्मान देना
रतन टाटा को पर्सनली जानने वालों का है यह कहना है कि वह हमेशा शांत और सौम्य रहते है। इतना ही नहीं वह अपनी कंपनी के छोटे से छोटे करमचारी से बहुत ही विनम्र तरीके से मिलते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में छोटे और बड़ों का सम्मान करना आज से शुरू कर देंगे तो यकीनन आप से सफलता बहुत दूर नहीं है।
अपने वादे के पक्के
रतन टाटा इस बात को मानते हैं कि चाहे आप नौकरी कर रही हो या कोई देश में आपको अपने वादे से कभी भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि किसी भी वादे का टूटना आपके काम को नुकसान पहुंचाता है। इतना ही नहीं वह (Golden heart men Ratan tata) इस बात को भी कहते हैं कि चाहे कितनी भी दिक्कत है क्यों ना हों लेकिन अपने वादे पर हमेशा कायम रहे।
साथ मिलकर चलना
रतन टाटा इस बात को मानते हैं कि सफलता पाने के लिए शुरुआत भले ही अकेले करनी पड़ी हो। लेकिन मुकाम तक पहुंचने के लिए लोगों का साथ बेहद जरूरी होता है। इसलिए अगर आप दूर तक जाना चाहते हैं तो आपको हमेशा साथ मिलकर चलना चाहिए।