दिल्ली में प्रवेश के लिए हजारों किसान सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे हुए हैं. वह सरकार को चेता’वनी भी दे चुके हैं कि, अगर सरकार ने नहीं सुनी तो वह दिल्ली के सभी रास्ते बंद कर देंगे। वहीं सरकार ने किसान संगठनों को बतचीत के लिए बुलाया था. किसान भवन में कई घंटे तक बातचीत चली. मीटिंग खत्म होने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि, बात नहीं बनी और हमारा आंदोलन जारी रहेगा। वहीं महाराष्ट्र के किसानों (Maharashtra farmers Reach Delhi Soon) ने भी एलान कर दिया है कि, अगर जल्द सहमति नहीं बनी तो वो लोग भी दिल्ली पहुंचेंगे।
आपको बता दें कि, किसान भवन में कई किसान नेता मौजूद थे, जिनको समझाने के लिए मोदी सरकार के 3 बड़े मंत्री मौजूद थे. इनमे कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह से लेकर पियूष गोयल भी शामिल रहे. लेकिन बात नहीं बन सकी और किसान अभी भी आंदोलन जारी रखेंगे।
महाराष्ट्र के किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ उठाई आवाज
जी हां इस वक्त जहां दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों ने डेरा जमा रखा है. तो इसी बीच अब महाराष्ट्र (Maharashtra Farmers reach delhi soon) के किसान संगठनों ने आवाज बुलंद कर दी है. उन लोगों का कहना है कि, अगर किसानों के साथ सरकार की जल्द सहमति नहीं बनी तो हम भी दिल्ली को घेरने के लिए वहां पहुंचगें।
जाहिर है आज मंत्रियों से कई घंटे बात चली लेकिन कोई बात नहीं बनी और अब 3 तारीख को फिर से सरकार और किसान संगठनों के बीच मीटिंग होनी है. लेकिन अब महाराष्ट्र के किसानों ने भी दिल्ली कूच करने की बात कह दी है. अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली पूरी तरह से ठप हो जायेगी। जाहिर है किसानों ने दिल्ली के सभी बॉर्डर पर डेरा जमाया हुआ है और ऐसे में अब इनकी संख्या और बढ़ी तो हालात कुछ और देखने को मिल सकते है.
किसानों का आंदोलन रहेगा जारी, सरकार से नहीं बनी बात
किसान नेताओं के साथ मोदी सरकार के मंत्रियों ने करीब 3 घंटे तक बातचीत की. इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने जानकारी दी कि बैठक सकारात्मक रही और 3 दिसंबर को फिर से बैठक होगी. बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक अच्छी रही और हमने तय किया है कि तीन दिसंबर को फिर से बातचीत होगी. हम चाहते हैं कि किसान एक छोटा समूह बनाएं लेकिन किसान नेताओं का मानना है कि सभी के साथ बातचीत होनी चाहिए. हमें इससे कोई समस्या नहीं है. तोमर ने कहा कि हमने किसानों से प्रद’र्शन खत्म करने की अपील की है और बातचीत के लिए आने के लिए कहा है. हालांकि फैसला संगठनों और किसानों पर निर्भर है.
किसानों के प्रतिनिधिमंडल सदस्य चंदा सिंह ने बैठक के बाद कहा कि कृषि कानून के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. और हम सरकार से कुछ न कुछ वापस जरूर लेकर जाएंगे, चाहे वह गोली हो या फिर शांतिपूर्णल. हम फिर से उनके पास चर्चा के लिए आएंगे. सरकार और किसान नेताओं के बैठक के बाद किसान नेता रुलदू सिंह मनसा ने कहा कि हम बड़ी कमेटी की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार छोटी कमेटी बनाना चाह रही है इसलिए आज की बैठक में कुछ फैसला नहीं हुआ, अब दोबारा 3 तारीख को बैठक होगी।
शाहीन बाग़ वाली दादी भी पहुंची थीं
जाहिर है शाहीन बाग़ वाली दादी के नाम से मशहूर बिल्किस दादी ने सिंघू बॉर्डर पर पहुंचने से पहले कहा था कि हम किसानों की बेटियां हैं, हम आज किसानों के विरो’ध का समर्थन करेंगे. हम अपनी आवाज उठाएंगे, सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए. बिलकिस दादी शाहीन बाग़ प्रद’र्शन के दौरान दुनिया भर में चर्चा में आ गई थीं. वहीं अब वह किसानों के आंदोलन में भी शामिल होने की बात कह रही हैं. इस खबर के सामने आते ही तरफ इस बात की चर्चा होने लगी. लेकिन वह वहां डेरा जमा पाती कि, उससे पहले पुलिस सतर्क हो गई और उनको हिरा’सत में ले लिया गया.
यही नहीं दादी अपने बयान के अनुसार सिंघू बॉर्डर पर पहुंच भी गई। बिलकिस दादी जैसे ही किसानों के बीच पहुंची वहां पर मौजूद फ़ोर्स ने उनको हिरा’सत में ले लिया। तस्वीरें सामने आई हैं जिसमे पुलिस बिलकिस दादी को लेकर जाती नजर आ रही है.
बता दें कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली से लगे सीमा बिंदुओं पर मंगलवार को लगातार छठे दिन डटे हैं. किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा. विपक्ष भी लगातार केंद्र सरकार पर हम’लावर नजर आ रहा है.