आज के दौर में फैशन को लोग ज्यादा महत्त्व देते हैं. सरकारी दफ्तर हो या कोई कार्यलय लोग कम्फरट वाले कपडे पहनने ज्यादा पसंद करते हैं. प्रॉपर फॉर्मल वाला चलन अब कम होता नजर आ रहा है. लोग जींस के साथ सर्ट पहन लेते हैं. लेकिन अब महाराष्ट्र के लोगों को अब यह बदलाव करना पड़ेगा। दरअसल महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government Order to Wear formals) ने आज एक बड़ा आदेश जारी कर दिया है.
इस आदेश के तहत अब राज्य में सरकार कर्मचारी जींस नहीं पहन सकेंगे। बल्कि इसकी जगह उन सभी को फॉर्मल ड्रेस पहनकर आना होगा।
सरकारी कर्मचारियों को फॉलो करना होगा फॉर्मल ड्रेस कोड
जी हां महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government Order to Wear formals) ने प्रोफेशनलिज्म को बढ़ावा देने के लिए अपने सभी कर्मचारियों को सचिवालय और सरकारी कार्यालयों में जींस और टी-शर्ट छोड़, पेशेवर पहनावा अपनाने का निर्देश दिया है. शुक्रवार को यह निर्देश जारी किया गया है. इस तरह का निर्देश जारी करने वाला महाराष्ट्र कोई पहला राज्य नहीं है. इससे पहले भी बिहार और राजस्थान जैसे बड़े राज्य भी इस तरह के फैसले ले चुके हैं.
रिपोर्टस के मुताबिक, “महाराष्ट्र सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों से सचिवालय और सरकारी कार्यालयों में जींस या टी-शर्ट नहीं पहनने के लिए कहा है. साथ ही उन्हें पेशेवर दिखने के लिए फॉर्मल कपड़े पहनने के लिए निर्देश दिए गए हैं.”
कर्मचारी नहीं पहन सकेंगे जींस
आठ दिसंबर को जारी परिपत्र के मुताबिक, सभी सरकारी कर्मचारियों को कम से कम शुक्रवार को खादी के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हाथ से सू’तक’ताई को बढ़ावा मिल सके। परिपत्र में कहा गया है, यह देखा गया है कि कई अधिकारी या कर्मी (मुख्य तौर पर अनुबंध वाले कर्मी और सरकारी काम में लगे सलाहकार) सरकारी कर्मियों के लिए उपयुक्त पोशाक नहीं पहननते हैं। उसमें कहा गया है कि इससे सरकारी कर्मियों की छवि लोगों के बीच खराब होती है।
परिपत्र में कहा गया है कि लोगों को सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मियों से “अच्छे बर्ताव व व्यक्तित्व की आशा रहती है। उसमें कहा गया है,… अगर अधिकारियों व कर्मियों की पोशाक अनुचित और अस्वच्छ होगी तो इसका उनके काम पर परोक्ष रूप से प्रभाव पड़ेगा। परिपत्र में कहा गया है कि पोशाक उचित एवं स्वच्छ होनी चाहिए।
महिला कर्मचारियों के लिए यह है नियम
वहां इस नए नियम और बदलाव में महिला कर्मियों के लिए अलग ड्रेस कोड का प्रावधान किया गया है. इसमें कहा गया है कि महिला कर्मी साड़ी, सलवार-चूड़ीदार कुर्ते, ट्राउजर पैंट और कमीज पहन सकती हैं और अगर जरूरी है तो दुपट्टा भी डाल सकती हैं।
परिपत्र के मुताबिक, पुरुष कर्मी, कमीज और पैंट या ट्राउजर पैंट पहन सकते हैं। उसमें कहा गया है, गहरे रंग और अजीब कढ़ाई या तस्वीर छपे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसी के साथ, कर्मियों और कर्मचारियों को कार्यालयों में जींस और टी शर्ट नहीं पहननी चाहिए। परिपत्र में कहा गया है कि महिला कर्मचारियों को चप्पल, सैंडल या जूते पहनने चाहिए हैं जबकि पुरुष कर्मियों को जूते या सैंडल पहनने चाहिए।
बिहार सरकार ने भी लागू किया था ड्रेस कोड
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल बिहार सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए सरकार दफ्तरों में अनुशासन को बरकरार रखते हुए एक ड्रेस कोड जारी किया था. बिहार सरकार ने आदेश में कहा, “अधिकारी और कर्मचारी कैजुअल में आते हैं, जो कार्यालय संस्कृति और कार्यालय की सज्जा के खिलाफ है.”
वहीं इससे पहले राजस्थान के लेबर डिपार्टमेंट ने जून 2018 में ऐसा ही एक निर्देश जारी किया था, जिसमें सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के जींस और टी-शर्ट पहनने पर रोक लगा दी गई थी.