हाल ही में जम्मू कश्मीर में डीडीसी चुनाव संपन्न हुए हैं. इस चुनाव में गुपकार अलायंस को भाजपा से कड़ी ट’क्क’र मिली। जम्मू में तो भाजपा का परचम लहराता हुआ नजर आया जो अब कश्मीर के नेताओं के लिए बैचेनी का सबब बन सकता है. इसी बीच अब चुनाव सम्पन्न होने के बाद महबूबा मुफ़्ती (Mehbooba Mufti On Article 370) ने एक बार फिर धारा 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है.
जाहिर है 370 हटने के बाद से महबूबा मुफ़्ती और फारूक अब्दुल्ला लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. महबूबा ने तो एक बार यह तक कह दिया था कि, वह तब तक दूसरा झंडा नहीं उठाएंगी जब तक उनका झंडा वापस नहीं मिल जाता।
370 बहाल होने तक मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगी
वहीं अब महबूबा ने एक बार फिर इसको लेकर बहुत बड़ा एलान किया है. या कहें तो महबूबा ने अब इसको लेकर प्राण ले लिया है. उनका (Mehbooba Mufti on Article 370) कहना है कि, अब जब तक 370 बहाल नहीं हो जाता है तब तक मैं कोई भी चुनाव नहीं ल’ड़ने वाली हूं. दरअसल महबूबा मुफ़्ती ने एनडीटीवी संग ख़ास बातचीत में कहा, “जहां तक विधानसभा चुनावों की बात है, तो मैं तब तक कोई चुनाव नहीं लड़ूंगी जब तक कि जम्मू और कश्मीर का अपना संविधान वापस नहीं लाया जाता और जब तक कि धारा 370 को बहाल नहीं किया जाता है.”
हालांकि उनका कहना है कि, वह नेताओं के साथ आगामी चुनावों को लेकर रणनीति तैयार करने में सभी का साथ दूंगी। जाहिर है डीडीसी चुनाव में जिस तरह से भाजपा ने जम्मू में अपनी पकड़ मजबूत की और 74 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. वह इन नेताओं के लिए एक परेशानी का सबब तो बनने जैसा लग रहा है.
महबूबा बोलीं- कश्मीर के लिए एकजुट हो सकते हैं’
वहीं इस दौरान महबूबा ने कई अन्य मुद्दों को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. वहीं संभावना जताई जा रही है कि अगर राज्य में विधान चुनाव होते हैं दोनों प्रति’द्वं’द्वी पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर तना’व बढ़ सकता है. मुफ्ती ने कहा, “हम प्रति’द्वं’द्वी हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर को लेकर हम सभी एकजुट हो सकते हैं. आखिर में हम कश्मीरी हैं. केवल चुनाव के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि जो खो गया उसे बहाल करने के बड़े कारण के लिए बात कर रहे हैं.”
‘सीएम पद के दौड़ में नहीं हैं महबूबा’
उन्होंने मुख्यमंत्री के पद को लेकर कहा, “जब भी विधानसभा चुनाव होंगे, हम साथ बैठेंगे और चर्चा करेंगे. मैं इस दौड़ में नहीं हूं.” वहीं, मुफ्ती ने अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के बीजेपी के साथ गठबंधन करने के फैसले का भी बचाव किया जोकि समय से पहले ही टूट गया था. महबूबा मुफ्ती ने कहा, “मेरे पिता ने शै’ता’न के साथ एक समझौता किया. कश्मीर की सम’स्या’ओं को हल करने के लिए मुफ्ती ने मोदी के साथ हाथ नहीं मिलाया।
लेकिन भारत के प्रधानमंत्री के साथ हाथ मिलाया था. मेरे पिता ने एक गठबंधन के माध्यम से बीजेपी को जोड़ने की कोशिश की थी. हमारा एजेंडा वही था और हमने अपनी शर्तों पर गठबंधन किया था. वे सब कुछ मान गए थे, लेकिन सरकार गिरने के बाद उन्होंने वही किया जो वे चाहते थे.”
74 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी भाजपा
डीडसी चुनाव के लगभग हर सीट के नतीजे सामने आ चुके हैं. अब तक सामने आये नतीजों में भाजपा (BJP Become Biggest Party in DDC elections) सबसे ज्यादा 74 सीट जीतकर सबसे बड़ा दल बनकर उभर रही है। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस 67, पीडीपी 27 सीट जीत चुकी है। इसके अलावा कांग्रेस 26 और 49 निर्दलीय उम्मीदवार जीत चुके थे। दिलचस्प यह है कि, जम्मू में भाजपा सबसे आगे नजर आई. तो वहीं कश्मीर में गुपकार अलायंस ने बा’जी मा’र ली. हालांकि यहां पर भी भाजपा कमल खिलाने में कामहयाब हो गई और तीन सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया है.
भाजपा ने कश्मीर में पहली बार तीन सीटें जीती हैं। इनमें से एक बांडीपोरा की तुलेल सीट है। जहां भाजपा के एजाज अहमद खान ने निर्दलीय उम्मीदवार को 1330 वोटों से हराया। वहीं, पुलवामा जिले की काकपोरा-दो सीट से भाजपा की मिन्हा लतीफ ने पीडीपी की रकैया बानो को 14 वोटों से हरा दिया। इसके अलावा श्रीनगर की खानमोह-दो से भाजपा प्रत्याशी एजाज हुसैन राथर ने जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के गुलाम हसन हज्जाम को 441 वोटों से मात दी।