मशहूर मोडल और अभिनेता मिलिंद सोमन (Milind soman) इन दिनों अपनी एक किताब की वजह से चर्चा में हैं. जाहिर है वह 54 साल की उम्र में भी फिट हैं और अपनी फिटेनस के लिए पहचाने जाते हैं. इसी बीच अब उन्होंने अपनी किताब में अपने जीवन से जुड़ी कई बातें लिखी हैं जिसकी काफी चर्चा हो रही है. मिलिंद ने बताया कि, वह बचपन में संघ की सखा (RSS) में जाय करते थे और उन्हें वहां जाने से कई फायदे मिले हैं.
लेकिन आज के समय में जब लोग संघ को साम्प्र’दायिकता से जोड़कर बातें करते हैं तो मुझे बहुत दुःख होता है. दरअसल मिलिंद ने यह सभी बातें अपनी एक किताब में लिखी है जिसका नाम है ‘मेड इन इंडिया’. अब यह किताब काफी चर्चा में बनी हुई है और संघ से जुडी बातों को लेकर अब मिलिंद सुर्ख़ियों में आ गए हैं.
संघ को जब लोग साम्प्रदायिकता से जोड़कर बातें कहते हैं तो दुःख होता है
जी हां मशहूर मॉडल और अभिनेता मिलिंद सोमन (Milind soman) अक्सर अपने बयानों और फिटनेस के लिए चर्चा में रहते हैं. लेकिन अब वह अपनी एक किताब की वजह से चर्चा में हैं जो हाल ही में लांच हुई है. इस बुक का नाम है ‘मेड इन इंडिया’. इस बुक में उन्होंने इस अपने जीवन से जुडी कई दिलचस्प बातों को साझा किया है. वह बताते हैं कि, वे उन दिनों मुंबई के शिवाजी पार्क स्थित शाखा या प्रशिक्षण केंद्र में जाया करते थे। उनके पिता संघ से जुड़े हुए थे और उनका मानना था कि बाल शाखा में जाने से एक युवा लड़के को अनुशासित जीवन जीने, शारीरिक रूप से फिट रहने और अच्छी सोच जैसे कई फायदे मिलते हैं। वह कहते हैं कि, बचपन में वह वहां जाया करते थे.
वह आगे बताते हैं कि, उस समय कितना अच्छा लगता था, लेकिन आज जब मैं लोगों से या ख़बरों में संघ की छवि खराब करने की बातें पड़ता हूँ तो दुःख होता है. वह कहते हैं आज लोग आरएसएस को सांप्रदायिक बोलते हैं और इससे जोड़कर देखते हैं. इस बात से मुझे काफी दुःख होता है. द प्रिंट’ के मुताबिक अपनी किताब में सोमण ने लिखा, ‘मैं आज जब संघ की शाखा को लेकर मीडिया में चल रहे प्रचार को देखता हूं, जिस तरह उस पर विध्वंसक और सांप्रदायिक होने के आरोप लगाए जाते हैं उससे मैं सचमुच हैरान रह जाता हूं।