बंगाल में चुनावों की तारीखों का एलान होने के बाद से सियासी हल’चल और तेज हो गई है. भाजपा पूरे जोर शो’र से बंगाल की जनता का दिल जीतने में लगी हुई है. सीएम से लेकर केंद्रीय मंत्री तक सभी जीत का दावा कर रहे हैं और ममता दीदी को हराने के लिए जबर’दस्त चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इस बीच आज बंगाल में दो बड़ी बातें देखने को मिली। एक तरफ मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Join BJP) ने भाजपा का दामन थाम लिया। तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया और भव्य रैली को संबोधित किया।
बता दें कि, पीएम जब मंच पर पहुंचे थे मिथुन ने उनका स्वागत भी किया। हालांकि पीएम के पहुंचने से पहले मिथुन ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ”मैंने एक बार जीवन में कुछ बड़ा करने का सपना देखा था, लेकिन मैंने कभी एक ऐसे मंच पर रहने का सपना नहीं देखा था जहां इतने बड़े नेता और सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मौजूद होंगे।” उन्होंने कहा मैं बचपन से गरीबों की सेवा करना चाहता था और आज इस पार्टी में शामिल होने के बाद मुझे मौका मिल गया है.
आपको बता दें कि, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष एवं अन्य ने मिथुन चक्रवर्ती का पार्टी में स्वागत किया। घोष ने चक्रवर्ती को पार्टी का झंडा सौंपा। इसके बाद राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता ने कहा कि उन्हें बंगाली होने पर गर्व है।
उन्होंने कहा, ”मैं हमेशा जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता था, लेकिन कभी भी इतनी बड़ी रैली का हिस्सा बनने का सपना नहीं देखा था, जिसे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित किया जाना है। मैं हमारे समाज के गरीब वर्गों के लिए काम करना चाहता था और वह इच्छा अब पूरी होगी।”
इस पर समर्थकों ने खुशी जतायी। चक्रवर्ती ने इस मौके पर अपनी एक फिल्म का एक संवाद भी बोले और कहा, ”अमी जोल्धोराओ नोई, बीले बोराओ नोई.. अमि इक्ता कोबरा, ईक चोबोल-ई छोबी (मुझे एक हा’निर’हित सांप समझने की गलती न करें, मैं एक कोबरा हूं, लोगों को एक बार में डं’स’कर मा’र भी सकता हूं)।”
मिथुन बोले- कोई स्वर्थी कहे तो भी ठीक
तो अब मिथुन के भाजपा ज्वाइन करने को लेकर भी आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है. इसको लेकर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सिर्फ एक ही पार्टी है जो गरीबों के लिए काम करती है और अगर मुझे गरीबों के लिए काम करना है तो मुझे किसी का हाथ तो पकड़ना होगा.
मैं तो अपना लक्ष्य पूरा कर रहा हूं. इसके लिए आप मुझे सेल्फिश कह सकते हैं. लेकिन मेरे स्वार्थी होने के पीछे सिर्फ एक कारण है और वह है कि मैं गरीबों के लिए काम करना चाहता हूं. अगर हम सोनार बांग्ला के सपने को पूरा करते हैं तो मुझे बहुत गर्व होगा.”
मिथुन के आने से भाजपा को होगा कितना लाभ
अब मिथुन के भाजपा में शामिल होने को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि, हो सकता है पार्टी उनको राज्य का सीएम कैंडिडेट बना दे. जाहिर है मिथुन भारतीय सिनेमा में बंगाल के सबसे सफल सितारों में एक हैं। वह गांव-गरीब और मजदूरों के हीरो माने जाते हैं। उनके ज्यादातर प्रशंसक छोटे शहरों और गांवों से जुड़े हैं।
मिथुन के जरिये भाजपा बंगाल में गांव-गरीब और मजदूरों तक पहुंच बनाना चाहती है। अभिनेता के भाजपा में आने से पार्टी को काफी मजबूती मिली है, क्योंकि उसे पश्चिम बंगाल की क्षेत्रीय अस्मिता से जुड़े ऐसे विशिष्ट लोगों की जरूरत थी. इस कड़ी में मिथुन का आना उसके लिए राजनीतिक रूप से लाभ का सौदा हो सकता है।