10 वकीलों की टीम ने दिन रात एक करके किंग खान के बेटे को रिहा कराया। अब शाहरुख़ के फैन्स में खुशी की लहर सी दौड़ पड़ी है. बंगले के बाहर जश्न मनाया गया और पटा’खे फो’ड़े गए. उधर आर्यन को जमानत मिलते ही फिल्म स्टार्स ने भी खुशी जाहिर करना शुरू किया। वहीं उन वकील की भी काफी चर्चा हो रही है जिन्होंने आर्यन को रिहा कराने का काम किया। आपको बता दें कि, बॉमबे हाई कोर्ट में केस जाने के बाद शाहरुख़ ने देश के टॉप वकीलों में से एक मुकुल रोहतगी को हायर किया था.
उन्होंने दो बार में ही कोर्ट सुनवाई के दौरान ऐसी बातें कहीं कि, जज ने आर्यन को सही मानते हुए जमानत दे दी. अब लोगों के मन में इस बात को जानने की गजब की उत्सुकता है कि, आखिर ऐसी क्या दलील दी कि, इस बार एनसीबी के वकील कुछ नहीं कर पाए.

तो आइये आपको बताते हैं कि, आखिर दिग्गज वकील रोहतगी ने कोर्ट के सामने क्या बातें रखी जिसने आर्यन को जमानत दिलाई.
कोर्ट में करीब ढाई बजे आर्यन केस पर सुनवाई शुरू हुई थी. इसमें सबसे पहले एनसीबी की तरफ से दिग्गज वकील ने अपनी सभी दलीलें रखीं. उन्होंने आर्यन पर एक बार फिर सभी आरोपों को दोहराया और जमानत का विरोध किया,

इसके बाद रोहतगी ने अपनी बातें कहना शुरू किया। उन्होंने कुल 5 दलीलें दी और आर्यन को जमानत दिलवा दी. इसमें पहली दलील में उन्होंने कहा- आर्यन के केस को साजि’श के साथ जोड़ा गया है. अरबाज मर्चेंट आर्यन के दोस्त हैं. वह आर्यन के नौकर नहीं हैं.
उन पर आर्यन का कोई कंट्रोल नहीं है. ऐसे में उनके पास क्या है और क्या नहीं, इससे आर्यन का क्या लेना-देना. से’वन की बात हम नहीं मानते. चलिए, एक वक्त के लिए मान भी लें तो कितनी मात्रा में ड्र’ग्स है 6 ग्राम च’रस. यह पर्सनल यूज के लिए है. इसमें अधिकतम स’जा 1 साल है. यह कोई कर्मशियल मात्रा नहीं है.

मुकुल ने अपनी दूसरी दलील पेश करते हुए कहा- जहाज पर 1300 लोग थे और आर्यन और अरबाज के बीच ही कनेक्शन था. जिस साजि’श का आरोप लगाया गया है. यहां कोई साजि’श नहीं थी, क्योंकि कोई किसी को नहीं जानता. ना ही इंटेन्शन यानी मन का मिलन हुआ है. कोई चर्चा नहीं हुई कि वे मिलेंगे और ड्र’ग्स का सेवन करेंगे, क्या यह साजि’श है.
यदि एक होटल में अलग-अलग कमरों में लोग हैं और वे स्मो’क करते हैं तो होटल में सभी साजि’श में शामिल हैं? इस मामले में इसे साजि’श करार देने के लिए कोई सबूत नहीं हैं. आर्यन सिर्फ अरबाज को जानते थे, किसी और को नहीं जानते.

तीसरी दलील में पजे’शन और इंटेंशन को लेकर बड़ी बातें कही गई. वह कहते हैं- यह भी साबित करना मुश्किल है कि सब के मन पहले से मिले हुए थे. लेकिन फैक्ट्स की अनदेखी नहीं की जा सकती. साजि’श के लिए ‘मन का मेल’ होना चाहिए. जब कोई किसी को जानता ही नहीं, पहले कभी बात नहीं हुई, मुलाकात नहीं हुई तो फिर इंटेन्शन कब और कैसे मिलेंगे.
साथ ही 6 ग्राम के लिए कॉ’न्शस पजे’शन कैसे हो सकता है. उनका तर्क है कि यह संयोग नहीं हो सकता, इसलिए यह एक साजि’श है. साजि’श का अनुमान से कोई लेना-देना नहीं है, आपको सबूत देने होंगे.

चौथी- अदालत इस बात पर चर्चा करती है कि कॉ’न्श’स पजे’शन क्या है. फिर वहां बराम’दगी का मानक भी वही है जो तथ्यों के आधार पर है. यह केस पूरी तरह से इस मामले पर भी लागू होता है. अरबाज जो ले जा रहे थे, वह उनके पास था, लेकिन आप दूसरों के लिए ऐसा कैसे कहते हैं. ऐसा नहीं है कि वे एक साथ ले जा रहे थे.
पांचवी दलील में रोहतगी ने एनसीबी द्वारा दर्ज किये गए मेमो का जिक्र किया. उन्होने कहा – अरे’स्ट मेमो में मोबाइल फोन की ज’ब्ती का जिक्र नहीं है. ऐसे में उसमें से मिले वॉट्सऐप चैट्स मान्य नहीं हैं. जिन चैट्स की बात हो रही है वह 2 साल पुराने हैं, उनका क्रूज केस से कोई लेना-देना नहीं है. कुछ एक चैट्स हैं, जो इस केस से संबं’धित हैं, लेकिन वह ऑनलाइन पो’कर गेम को लेकर हैं.

उन्हें ड्र’ग्स से जोड़ना सही नहीं है. हमारे काबिल दोस्त की तरफ से चैट्स अदालत को सौंपे नहीं गए हैं, ऐसे में हमारे पास उसकी कॉपी नहीं है. हमारी स्थिति हैंडि’कै’प्ड की तरह है. हमें नहीं पता आपके कब्जे में क्या है और क्या नहीं. क्योंकि ये कोर्ट के रिकॉर्ड में नहीं है, इसलिए इन पर बहस करना भी सही नहीं है.
बस रोहतगी की इन 5 दलीलों में इतना दम नजर आया जिसके बाद आर्यन की जमानत दी गई.

अब शुक्रवार को बाकी पेपर वर्क होने के बाद आर्यन जेल से रिहा किया जाएगा. यही नहीं आर्यन के साथ ही अरबाज मर्चेंट और मुनमुन को भी जमानत दी गई है. ऐसे में अब वह भी जेल से बाहर आ जायेंगे. अब इस केस पर आगे की सुनवाई चलती रहेगी और उधर कोर्ट ने समीर वानखेड़े को भी थोड़ी राहत दी गई.