बिहार चुनाव के नतीजे आना शुरू हो गए हैं और अब सभी सीटों के रुझान आ गए हैं. वहीं शुरुआती रुझानों (NDA Leading in trends) में बाजी पूरी तरह से पलटी हुई नजर आ रही है और NDA को बहुत मिलती नजर आ रही है. एक और दिलचस्प आंकड़ा यह है कि, भाजपा तजा रुझानों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती नजर आ रही है. एग्जिट पोल में जहां महागठबंधन सबसे आगे दिखाई दे रही थी. तो वहीं अब रुझान एकदम उलट दिखाई दे रहे हैं.
एक तरफ जहां भाजपा को भारी बढ़त मिलती दिख रही है, तो वहीं कांग्रेस भी आगे दिख रही है. कांग्रेस के खाते में भी अधिक सीटें आती नजर आ रही हैं.
देखें 243 सीटों के रुझान में किसको कितनी सीट
जी हां एग्जिट पोल से उलट एकदम नतीजे देखने को मिल रहे हैं. इस वक्त सभी सीटों के रुझान सामने आ गए हैं और इसमें NDA बहुमत (NDA Leading in trends) के पार जाता दिखाई दे रहा है. वहीं अगर अलग-अलग पार्टियों की बात करें तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती हुई नजर आ रही है.
कुल 243 में NDA को 127 सीटें मिली हैं. वहीं महागठबंधन की बात करने तो उनके खाते में 100 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. वहीं पार्टियों की बात करें तो भाजपा को 73, जेडीयू को 47 और VIP को 7 सीटें मिलती नजर आ रही हैं.
दूसरी तरफ बात करें महागठबंधन की पार्टियों की तो आरजेडी को 61, कांग्रेस को 20 और लेफ्ट को 19. ऐसे में सभी पार्टियों में सबसे अधिक फायदा भाजपा को मिलता नजर आ रहा है और वह सबसे बड़ी पार्टी बनती नजर आ रही है.
NDA को बहुमत मिलता नजर आ रहा
बिहार में महागठबंधन बनाम एनडीए की कां’टेदा’र जंग देखने को मिली. आज का जनादेश बिहार में पिछले 15 साल की नीतीश कुमार सरकार पर लोगों का फैसला तो होगा ही, बिहार की राजनीति के लिए भी एक खास संदेश लेकर आएगा क्योंकि बिहार में राजनीति के एक ढलती पीढ़ी को नई पीढ़ी ने सीधी चुनौती दी है और जनता को नए-पुराने के बीच अपना आगे का भविष्य चुनना है.
नीतीश कुमार को 31 साल के युवा तेजस्वी यादव सीधी ट’क्क’र दे रहे हैं. तमाम एक्जिट पोल के रुझान बदलाव के संकेत दे रहे हैं. राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों पर इस बार तीन चरणों में हुए मतदान की मंगलवार को हो रही गिनती इस बदलाव के संकेतों का अंतिम सच सामने लाने वाली है.
243 सीटों पर तीन चरणों में हुआ मतदान
हिन्दी पट्टी के राज्यों में अहम प्रदेश माने जाने वाले बिहार में इस बार तीन चरणों में मतदान हुआ. कुल 243 सीटों पर 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को वोट डाले गए. पहले चरण में कुल 71 सीटों पर 53.54 फीसदी, दूसरे चरण में 94 सीटों पर 54.05 फीसदी और तीसरे चरण में 78 सीटों पर 59.94 फीसदी मतदान हुआ.
कोरोना के चलते ऐसा लग रहा था कि शायद मतदान में लोग कम हिस्सा लें और प्रचार का रंग फीका रहने से शायद चुनाव की त’पि’श महसूस न हो. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से लेकर तेजस्वी की तू’फा’नी सभाओं तक बिहार लिट्टी की आंच की तरह एक चुनावी गर्मी के दिखा.
एग्जिट पोल में तेजस्वी को दिख रही थी बढ़त
जहां एग्जिट पोल में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को बढ़त दिखाई थी, लेकिन एनडीए के सामने उसे कड़ी चुनौ’ती का सामना करना पड़ा। महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने पर दस लाख नौकरी देने का वादा किया था और पूरे चुनाव प्रचार के दौरान यह केन्द्र में रहा था. इसकी वजह से उनकी रैलियों में भारी भी’ड़ दिखी. लालू यादव के बिना इस चुनाव में तेजस्वी ने आरजेडी का बखूबी नेतृत्व किया.
बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद चुनाव प्रचार को बागडोर संभाल रखी थी. इसके अलावा, अन्य स्टार कैंपेनर्स थे- राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और अन्य नेता.