बराक ओबामा ने हाल ही में राहुल गांधी को लेकर प्रतिक्रिया दी थी. जिसको लेकर देश में सियासी हल’चल काफी बड़ी हुई है. तो इसी बीच अब उन्होंने अपने संस्मरण ‘ए प्रोमिज्ड लैंड’में कांग्रेस नेताओं के बारे में कई दावे किए हैं। अपनी किताब में ओबामा (Obama on Congress Leaders) ने लिखा है कि भारत की राजनीति अभी भी जाति, धर्म एवं समुदाय के इर्द-गिर्द घूमती है और पीएम के रूप में डॉक्टर मनमोहन सिंह (Obama tell Why Manmohan singh Become PM) के चयन के पीछे दूसरी कहानी है।
ओबामा का दावा है कि पीएम पद पर मनमोहन सिंह (Manmohan singh become PM) का चयन सोनिया गांधी ने इसलिए किया था क्योंकि उन्हें अपने बेटे राहुल के लिए उनसे कोई ‘खत’रा’ महसूस नहीं हुआ।
ओबामा ने अपने संस्मरण में मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी का किया जिक्र
ओबामा की किताब ‘ए प्रोमिज्ड लैंड’ में उन्होंने 2008 के चुनाव प्रचार अभियान से लेकर राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के अंत में एबटाबाद में अलका’यदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मा’रने के अभियान तक की अपनी यात्रा का विवरण दिया है।
इस किताब का दूसरा भाग भी आएगा। ओबामा ने लिखा है, ‘पीएम पद पर मनमोहन सिंह का चयन सोनिया गांधी ने काफी सोच समझकर किया था. क्योंकि उन्हें लगता था कि बुजुर्ग मनमोहन सिंह का राष्ट्रीय राजनीति में कोई जनाधार नहीं होने से उनके 40 वर्षीय बेटे जिसे वह कांग्रेस पार्टी के लिए तैयार कर रही हैं, कोई चु’नौ’ती नहीं बनेंगे।’
ओबामा ने रात्रिभोज का जिक्र किया
यही नहीं अपनी किताब में ओबामा ने पूर्व प्रधानमंत्री के आवास पर आयोजित एक रात्रिभोज का जिक्र किया है। वह लिखते हैं कि इस रात्रिभोज में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सम्मिलित हुए थे।
सोनिया गांधी के बारे में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति कहते हैं, ‘सोनिया गांधी बोलने से ज्यादा सुनती हैं और जब नीतिगत फैसलों की बात आती है तो वह च’तु’राई से मनमोहन सिंह के रुख से असहमति जताते हुए बातचीत को अपने बेटे की तरफ मोड़ देती हैं।’
ओबामा बोले उन पर गांधी का प्रभाव
ओबामा ने कहा, ‘भारत के प्रति मेरे आकर्षण का सबसे बड़ा कारण महात्मा गांधी हैं। (अब्राहम) लिंकन, (मार्टिन लूथर) किंग और (नेल्सन) मंडेला के साथ-साथ गांधी ने मेरी सोच को बहुत प्रभावित किया।’ ओबामा ने कहा, ‘एक युवा के तौर पर, मैंने उनके लेख पढ़े और पाया कि वह मेरे अंदर के सहज ज्ञान को आवाज दे रहे हैं।’
रामायण, महाभारत की कथा सुनी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी किताब में भारत के साथ अपने जुड़ाव एवं खुद पर महात्मा गांधी के पड़े प्रभाव के बारे में भी लिखा है। उन्होंने लिखा है कि गांधी के कार्यों ने मुझे उनके शब्दों से अधिक प्रभावित किया।
उन्होंने अपने जीवन को ख’त’रे में डालकर, जेल जाकर और लोगों के सं’घ’र्ष में अपना जीवन लगाकर अपने विचारों की परीक्षा दी। ओबामा ने कहा कि उन्होंने बचपन में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य हिंदू कथाओं को सुना है जिससे भारत के लिए उनके मन में हमेशा एक विशेष स्थान रहा है।
भारत पाकिस्तान मुद्दे को लेकर भी कही बड़ी बात
वहीं भारत-पाकिस्तान मुद्दे से लोगों को प्रभावित करने की राजनीति पर ओबामा ने लिखा, ‘‘ पाकिस्तान के प्रति श’त्रु’ता भाव व्यक्त करना राष्ट्र को एकजुट करने का सबसे आसान रास्ता है.
ढेर सारे भारतीयों को इस बात पर गर्व है कि पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए देश ने पर’मा’णु ह’थिया’र कार्यक्रम विकसित किया. उन्हें इस हकीकत की कोई परवाह नहीं है कि किसी भी तरफ से कोई चू’क क्षेत्र का वि’ना’श कर सकती है.’’
ओबामा की किताब के हैं दो भाग
इस किताब में ओबामा ने 2008 के चुनाव प्रचार अभियान से लेकर पहले कार्यकाल के अंत में एबटाबाद (पाकिस्तान) में अल’का’यदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मा’रने के अभियान तक की अपनी यात्रा का विवरण दिया है. इस किताब के दो भाग हैं. पहला भाग मंगलवार को दुनियाभर में जारी हुआ जिसमे राजनीति से लेकर कई अन्य मुद्दों पर अपनी राय रखी है.