उत्तर प्रदेश में चुनाव को अभी लंबा वक्त है. लेकिन सियासी उठापटक और नेताओं की बयानबाजी जोरों पर है. दूसरी तरफ हर पार्टी एक दूसरे पर हम’लावर भी नजर आ रही है. एक तरफ जहां भाजपा के लिए होनी बड़ी जीत दोहराने की चैलेंज है. तो दूसरी तरफ सपा , कांग्रेस के लिए उठ खड़े होने का मौका है. ऐसे में छोटी पार्टियां काफी अहम भूमिका निभाती नजर आ सकती हैं. इस कड़ी में ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar Takes on BJP) इन दिनों काफी चर्चा में हैं.
वह कभी योगी सरकार में मंत्री थे लेकिन अब वह भाजपा के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं और पार्टी को प्रदेश से बाहर करने को अपना लक्ष्य बता रहे हैं.
गौरतलब है कि, राजभर प्रदेश की कुछ सीटों पर प्रभाव रखते हैं. उसी तरह से आरएलडी और अन्य पार्टियां भी हैं जो कुछ सीटों पर अपना प्रभाव रखती हैं. ऐसे में ओपी राजभर का कहना है कि, पिछले चुनावों में उनकी ही वजह से भाजपा को जीत हासिल हुई थी. लेकिन अब वह अकेले चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के खिलाफ आवाज बुलंद किये हैं. तो इससे भाजपा का सफाया होने वाला है.
दरअसल हाल ही में मीडिया से बातचीत में उन्होंने सुहे लदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar angry on BJP) ने बीजेपी पर निशाना साधा है. राजभर ने आजतक के पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए कहा- हम इस बार अकेले चुनाव लड़ने जा रहे हैं. वह भाजपा पर आरोप लगाते हैं कि, उन्होंने उनके समुदाय के लोगों के लिए कुछ काम नहीं किया। इससे वह काफी नाराज हैं और अब भाजपा का सफाया करने के लिए वह पूरी तरह से तैयार हैं. राजभर ने तो यह तक कह दिया कि, उनकी ही वजह से और उनके समर्थन से ही भाजपा को 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी.
वह कहते हैं- हमारी पार्टी के सहयोग के बिना उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार नहीं बना पाती। वह कहते हैं- इस बार देख लीजियेगा क्या होता है इनका, हम तो उन सभी का स्वागत कर रहे हैं जो भाजपा को प्रदेश से बाजर करना चाहते हैं. वह सभी दल हमारे साथ आ जाएँ और मिलकर चुनाव लड़ें। साथ ही राजभर (OP Rajbhar Takes on BJP) ने कुछ दिन पहले अपने कुछ ट्वीट के जरिये भी भाजपा को निशाने पर लिया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘भाजपा डूबती हुई नैया है, जिसको इनके रथ पर सवार होना है हो जाए पर हम सवार नहीं होंगे.
वह भाजपा पर पलटवार करते हुए कहते हैं- जब चुनाव नजदीक आता है तब इनको पिछ’ड़ों की याद आती है. जब मुख्यमंत्री बनाना होता है तो बाहर से लाकर बना देते है.
हम जिन मुद्दों को लेकर समझौता किए थे, साढ़े चार साल बीत गया एक भी काम पूरा नहीं हुआ.’ उनका ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ पंचायत अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में केवल उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जिस पर उसके उम्मीदवार जीत की स्थिति में होंगे. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की पहल पर प्रदेश के कई क्षेत्रीय दलों ने साथ मिलकर ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ बनाया था.