देश में इन दिनों कोरोना की दूसरी लहर से हर कोई परेशान है. मेडिकल व्यवस्था भी हिली सी नजर आ रही है. ऐसे में इन सब अव्यवस्थाओं को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हम’लावर नजर आ रहा है. अब विपक्ष के कई नेताओं (Opposition Write Letter to PM) ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर अपनी मांग रखी है. जाहिर है सोशल मीडिया पर आम जनता से लेकर विप’क्षी दलों के नेता लगातार सरकार पर नाराजगी जाहिर करते नजर आ रहे हैं. वहीं लोग हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं.
तो वहीं विपक्ष पूरी तरह से मोदी सरकार की आलोचना कर रहा है. वैक्सीनेशन को लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं. कई बार नेता यह अपील कर चुके हैं कि, सभी को फ्री में वैक्सीन लगवाई जाए. तो अब विपक्ष के कई नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है.
विपक्ष के नेताओं द्वारा जो पत्र लिखा गया है उसमे कई मांग रखी गई है. इसमें प्रमुख है कि, बेरोजगारों को हर महीने 6 हजार रुपये दिए जाएं। साथ ही फ्री वैक्सीन और कई अन्य मुद्दों को रखा गया है. यह कुछ इस प्रकार हैं..
-केंद्रीय स्तर पर टीकों की खरीद कर सबको मुफ्त टीका लगाने का अभियान शुरू करे
-अनिवार्य लाइसेंसिंग के जरिए घरेलू टीके का उत्पादन बढ़ाए
-बजट में आवंटित 35 हजार करोड़ रुपए टीकाकरण पर खर्च किया जाए
-सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को रोक कर उसके आवंटित राशि को ऑक्सिजन और टीके पर खर्च करे
-पीएम केयर में जमा राशि जारी कर ऑक्सिजन, टीका, दवाई, मेडिकल उप’करण के मद में खर्च करे.
-सभी बेरोजगारों को 6 हजार रुपए प्रति माह दे
-जरूरतमंदों को मुफ्त अनाज दिया जाए
-कोरोना का शि’कार बन रहे आंदोलनकारी किसानों की सुरक्षा के लिए कृषि सुधार कानूनों को रद्द करे
इस पत्र के जरिये विपक्षी नेताओं ने सरकार से अपने सुझावों पर जवाब देने का भी अनुरोध किया है. साथ ही यह आरोप भी लगाया है कि सरकार ने इससे पहले दिए गए सुझावों को नजरअंदाज कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ ममता, उद्धव, हेमंत सोरेन, स्टॅलिन जैसे मुख्यमंत्रियों की ओर से यह चिट्ठी भेजी गई है.
जम्मू कश्मीर पीपल्स अलायंस की तरफ से फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सीपीआई महासचिव डी राजा और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी चिट्ठी भेजने वाले नेताओं में शामिल हैं.
इस महीने की शुरुआत में भी कोरोना महा’मा’री को लेकर विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी. पिछली चिट्ठी में मायावती का नाम भी शामिल था जो इस बार नहीं है. अब देखना होगा कि, आखिर क्या प्रधामनट्री या उनके कार्ययालय की तरफ से इस चिट्ठी का जवाब आता है या नहीं।