यह हैं बाबू भैया का मजेदार डायलॉग जो आपको हंसने पर कर देंगे मजबूर, एक नजर में देखें..

बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं का नाम लिया जाए और उसमें परेश रावल (Paresh rawal) का नाम ना आए। ऐसा हो ही नहीं सकता। वैसे तो उनको बॉलीवुड की दुनिया में बतौर विलेन के नाम से जाना जाता है। लेकिन आजकल वह कॉमेडी कर करके खूब हंसा भी रहे हैं।

1985 में आई फिल्म अर्जुन से बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा

बाबू भैया यानी परेश रावल ने फिल्म इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा काम किया है. परेश रावल ने 1985 में आई फिल्म अर्जुन से बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा था। लेकिन उनको नाम और शोहरत हासिल हुआ 1986 में आई नाम से। फिल्मों में भले ही हमें किरदार याद हो ना हो। लेकिन उनके डायलॉग हमेशा ही हमारे जहन में बस जाते हैं। परेशान, हेरा फेरी में बाबूराव, अंदाज़ अपना अपना में तेजा, वेलकम में डॉक्टर घुंघरू, नायक में अनिल कपूर के सेक्रेटरी का किरदार निभाया हो। लेकिन यह किरदार उनके कुछ ऐसे हैं जो लोगों के दिलों में आज भी बस चुके हैं। वैसे अभिनेता ही नहीं बल्कि एक अच्छे पॉलिटिशन भी है।

Paresh rawal popular dialogues

अहमदाबाद पूर्व चुनाव क्षेत्र में लोकसभा संसद के रूप में भी कार्य किया

साल 2014 में बॉलीवुड के अहमदाबाद पूर्व चुनाव क्षेत्र में लोकसभा संसद के रूप में भी उन्होंने कार्य किया है। हालांकि आज परेश रावल (paresh rawal Birthday) अपना 65वां जन्मदिन मना रहे हैं। तो आज हम आपको उनके जन्मदिन के मौके पर कुछ ऐसे फेमस डायलॉग (paresh rawal Dialogue) के बारे में बताते हैं जो दर्शकों को सबसे ज्यादा पसंद आते हैं।

फिल्म – हेरा फेरी- ये बाबूराव का स्टाइल है।

फिल्म – हिम्मतवाला – पहले तो वो खड़ा था गाँधी की तरह, फिर मुझे झाड़ दिया आंधी की तरह, और ये तुम्हारे पहलवान सब गिर गए मा’चिस की कांधी की तरह।

फिल्म – अंदाज़ अपना अपना- तेजा मैं हूं, मार्क इधर है।

फिल्म – हेरा फेरी- उठा ले रे बाबा उठा ले, मेरेको नहीं रे बाबा इन दोनों को उठा ले।

फिल्म – नायक – तुम्हारी तरह महात्मा गांधी बैठ गए होते घर में, बीवी बीवी बेटा बेटा करते हुए, तो तुम आज भी किसी अंग्रेज के घर में लै’ट्रिन साफ कर रहे होते।

फिल्म – ओह माय गॉड – जहां धर्म है ना वहाँ सत्य के लिए जगह नहीं है, और जहां सत्य है वह सच है, वहां धर्म की ज़रुरत ही नहीं है।

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