कृषि बिल के विरो’ध में किसानों का आंदोलन पिछले 25 दिन से अधिक से जारी है. सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी बात नहीं बनने से किसानों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. कानूनों को र’द्द कराने पर अ’ड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की ल’ड़ा’ई का ऐलान कर चुके हैं। इधर, राहुल गांधी (Rahul gandhi Met President on 24th) के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिंडल इस मामले पर 24 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा. राहुल गांधी की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल की तरफ से राष्ट्रपति को कृषि कानूनों के विरो’ध में इकट्ठा किए गए 2 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर भी सौंपे जाएंगे.
वहीं सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों का साथ देने हजारों किसान अलग-अलग शहरों से आ रहे हैं. अब 62 वर्षीय मंजीत कौर भी सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हो गई हैं.
देश के दो करोड़ लोगों ने कृषि कानून वापस लेने की मांग पर भरी हामी
जी हां आज कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कृषि कानून से जुड़े मामले को लेकर एक बड़ी बात कही है. दरअसल कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा- कृषि कानूनों को वापस करने के अनुरोध वाले हस्ताक्षर देशभर से इकट्ठे किए गए हैं. यह 24 दिसंबर को राहुल गांधी (Rahul Gandhi Met President on 24th) की अगुवाई वाले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की तरफ से राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा. ” उन्होंने कहा इसमें देश के 2 करोड़ से अधिक लोगों ने हामी भरी है जिसको लेकर हम राष्ट्रपति से मुलाक़ात करेंगे।
केन्द्र की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि सुधार संबं’धी कानूनों के विरो’ध में हजारों की तादाद में राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर प्रद’र्शन कर रहे किसानों ने एक बार फिर सरकार से कानूनों की वापसी की मांग की है. किसान मजदूर संघर्ष समिति का कहना है कि वे कानूनों में किसी तरह का संशोधन नहीं बल्कि इसकी वापसी चाहते हैं.
किसान समिति के नेता बोले- कानून वापस हों संसोधन नहीं
वहीं सिंघु बॉर्डर पर डटे हजारों किसान लगातार यही मांग कर रहे हैं कि, इन कानूनों को वापस लिया जाये। इसी बीच आज एक बार फिर किसान मजदूर सं’घ’र्ष समिति के सरवन सिंह ने कहा- सरकार ने अपना रूख साफ कर दिया है कि वे कानूनों को वापस नहीं लेंगे. उन्होंने इस बारे में एक पत्र जारी किया है कि अगर किसान इन कानूनों में संशोधन चाहते हैं तो उन्हें चर्चा के लिए समय और तारीख देना चाहिए.
सरवन सिंह ने आगे कहा- यह आगे लेकर जाने का रास्ता नहीं बल्कि किसानों को भट’काने की चाल है. एक सामान्य आदमी यह सोचेगा कि किसान अ’ड़े हुए हैं लेकिन हम किसान कानूनों में कोई संशोधन नहीं चाहते हैं. वह पूरी तरह से इसकी वापसी चाहते हैं.
किसानों ने आज जा’म किया दिल्ली गाजियाबाद हाइवे
वहीं किसानों ने आंदोलन को काफी तेज कर दिया है और वह अब दिली गाजियाबाद हाइवे पर उतर गए हैं. किसानों ने अपने ट्रैक्टर हाइवे पर लगा दिए हैं और दोनों तरफ से हाइवे जा’म है. कई किसान ट्रैक्टर लगाकर सड़क पर बैठ गए हैं और इसके चलते हाइवे कई घंटों से बंद है. इसके चलते जबर’दस्त जाम लग गया है और हर तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई हैं. इसके चलते दिल्ली और मेरठ हाइवे भी ब्लॉ’क है और लोगों को भारी परे’शानी का सामना करना पड़ रहा.
किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा किसान संगठन नेताओं के पास रविवार देर रात भेजे गए वार्ता के प्रस्ताव पर संयुक्त मो’र्चा की मंगलवार को होने वाली बैठक में फैसला होगा।
62 वर्षीय मंजीत कौर भी आंदोलन में होंगी शामिल
मंजीत कौर का नाम आपको शायद याद आ गया होगा। यह वहीं दादी हैं जिनको लेकर कंगना और दिलजीत के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जं’ग देखने को मिली थी. मंजीत कौर को लेकर कंगना ने गलत टि;प्प’णी की थी जिसके बाद दिलजीत ने उनको काफी खरी खो’टी सुनाया था. अब दादी मंजीत कौर भी अपनी महिला सेना के साथ दिल्ली में जारी आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंच रही हैं. यही नही दूसरे राज्यों से भी किसान अब दिल्ली में बैठे किसानों को समर्थन देने के लिए लगातार पहुंच रहे हैं.