किसानों के समर्थन में राहुल ने उठाई आवाज, कहा- किसान को पीछे हटाना असंभव, कानून वापस लेना पड़ेगा

किसानों के आंदोलन को 100 दिन से अधिक का समय हो गया है. दिल्ली बॉर्डर पर किसान पिछले काफी समय से बैठे हैं और कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे. सरकार का रुख देखकर अब किसानों (Rahul Gandhi Spoke for Farmers) में नाराजगी भी देखने को मिल रही है. उधर अलग-अलग शहरों में लगातार किसान महापंचायतें भी आयोजित हो रही हैं.

इन महापंचायतों में लाखों की संख्या में किसान भी पहुँच रहे. इधर कुछ राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर विपक्ष के नेता मोदी सरकार पर हम’लावर हैं. इस बीच राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

दरअसल राहुल ने किसानों के समर्थन में फिर आवाज उठाई. उन्होंने कहा- किसानों को पीछे हटाना असंभव है और सरकार को ये कानून वापस लेने ही होंगे. राहुल ने शायराना अंदाज में ट्वीट किया और लिखा, ‘अन्नदाता का बारिश से नाता पुराना, ना डरते ना करते मौसम का बहाना, तो क्रू’र सरकार को फिर से बताना, असंभव किसानों को पीछे हटाना, तीनों क़ानूनों को पड़ेगा लौटाना!’

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कई किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाने की है. दूसरी तरफ, सरकार ने तीनों कानूनों को कृषि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम करार देते हुए कहा है कि इससे किसानों को लाभ होगा और उनकी उपज बेचने के लिए उनके पास कई विकल्प होंगे.

वहीं अब किसान बंगाल और अन्य चुनावी राज्यों में भी महापंचायतें आयोजित करने वाले हैं. हाल ही में एक बैठक में तय हुआ कि महापंचायत में शामिल होने वाले सभी प्रतिनिधि हरी पगड़ी पहनकर शामिल होंगे।

बंगाल में करीब 3 महापंचायत होनी है, जिसमे कई किसान नेता शामिल होंगे। वहीं बीते दिनों ऐसी खबरें भी आई थीं कि, किसान नेताओं का कहना है कि, वह इन राज्यों में जाकर लोगों से अपील करेंगे कि, वह भाजपा को वोट न दें. ऐसे में अब देखना होगा कि, आखिर बंगाल में होने वाली महापंचायत में क्या सुनने और देखने को मिलता है.

आपको बता दें कि, इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राशि, गुरनाम सिंह चन्नी, प्रोफेसर मनजीत सिंह, अनुज कुमार, योगेंद्र यादव, डॉ दर्शन पाल सहित कई अन्य किसान नेता महापंचायत में शामिल होंगे और अपनी बातों को बंगाल के किसानों को अवगत कराएंगे।

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