कृषि कानूनों के विरोध में पिछले करीब 80 दिनों से किसानों का धरना जारी है. वहीं राकेश टिकैत (Rakesh Tikait Big Statement) ने अब आंदोलन का रुख काफी बदल दिया है जिसके बाद से वह हुंकार भरते नजर आ रहे हैं. एक तरफ वह गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की कमान संभाले हुए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ टिकैत अलग-अलग शहरों में एक के बाद एक महापंचायत भी कर रहे हैं. हरियाणा से लेकर राजस्थान और पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश के शहरों में किसानों की महापंचायत हो रही हैं. इस दौरान भारी संख्या में किसान शामिल हो रहे हैं.
हाल ही में एक पंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आंदोलन को लंबा चलने की बात कही. यही नहीं टिकैत ने इस आंदोलन को एक यु’द्ध बता दिया और कहा कि, इसमें जीत तो किसान की हो होगी। तो आइये आपको बताते हैं कि, आखिर टिकैत ने और क्या कहा है.
ये आंदोलन एक यु’द्ध है और इसे हम जीतेंगे
गौरतलब है कि, कृषि कानून के विरोध और किसानों को जागरूक करने को लेकर अलग-अलग खाप पंचायतें सभा आयोजित कर रही हैं. इनमे कई जगह पर खुद राकेश टिकैत समेत अन्य किसान नेता भी जा रहे हैं. इस बीच टिकैत बीते दिन बहदुरगढ़ पहुंचे थे जहां उन्होंने पहले तो कहा कि, यह मंच काफी मजबूत बनाया गया. हमने जींद वाले मामले से सबक ले लिया था. इसके बाद टिकैत ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार को घे’रना शुरू किया. टिकैत ने इस आंदोलन को एक यु’द्ध बता दिया और कहा कि, इसमें जीत किसानों की ही होगी। ऐसे में अब टिकैत के इन बयानों से सियासी पारा और बढ़ सकता है.
बताया जा रहा है कि, यह मापंचायत बहादुरगढ़ बाईपास पर दलाल खाप की ओर से आयोजित हुई थी जिसमें भारी भीड़ जुटी। इस दौरान राकेश टिकैत व गुरनाम समेत अन्य किसान नेता पहुंचे।
बता दें कि, महापंचायतें लगातार अलग-अलग शहरों में हो रही हैं जिसमे हजारों लाखों की संख्या में किसान पहुंच रहे हैं. ऐसे में अब सवाल यह भी उठ रहा है कि, क्या इसका असर आने वाले चुनावों पर भी देखने को मिल सकता है या नहीं। बहरहाल यह तो समय ही बताएगा कि, अब आगे क्या होता है.
“किसानों को भूखे भे’डियो के सामने छोड़ा जाएगा“
राकेश टिकैत ने सरकार पर हम’ला बोलते हुए कहा कि पंजाब के लोगों को अफगा’निस्तानी बताया गया। हमें बांटने की कोशिश की। 4 लाख ट्रेक्टर आये 25 लाख किसान आए। एक बालक को बह’का कर लाल किले भेज दिया। यही नहीं इस दौरान टिकैत ने एक बार फिर चे’ता;वनी भरे अंदाज में कहा कि, यह आंदोलन अभी लंबा चलने वाला है और कानून वापसी पर भी घर वापसी होगी।
उन्होंने कहा सरकार और प्रेस जो कहे उसका उल्टा समझना है। हमने कहा बिल वापस ले लो। बिल बाद में बने पहले गोदाम तो बन जाए। किसानों को भूखे भे’डियो के सामने छोड़ा जाएगा। आनाज को कैद करने की सा’जिश है। रोटी को तिजोरी की चीज न बनने देना। हमारी मांग 3 कानून वापस हों और Msp का कानून बने। मुक’दमे वापस लिए जाए।