कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को करीब 100 दिन हो गए. अब दिल्ली में एक तरफ आंदोलन चल रहा है, तो दूसरी तरफ देश के अलग-अलग शहरों में महापंचायतों का आयोजन भी हो रहा है. इन महापंचायतों में लाखों की संख्या में किसान पहुंच रहे हैं. वहीं आंदोलन को लेकर सरकार की तरफ से अब कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आ रही है. इस बात को लेकर अब राकेश टिकैत (Rakesh Tikait on Government Plan) ने आ’शंका जताई है.
दरअसल टिकैत ने कहा, ‘सरकार की खामोशी इशारा कर रही है कि आंदोलन के खिलाफ कुछ तो होने वाला है। 15-20 दिनों से सरकार खामोश है। वह किसी न किसी तैयारी में लगी है।’ जाहिर है टिकैत लगातार सरकार पर हम’लावर नजर आ रहे हैं और महापंचायत से लेकर सोशल मीडिया पर सरकार को घे’र रहे हैं. वह लगातार मांग कर रहे हैं कि, कृषि कानून वापस ले लिए जाएं।
किसान खेत भी देखेंगे और आंदोलन भी- टिकैत
जाहिर है किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलनरत हैं. उसके साथ ही वह खेती भी कर रहे हैं. आंदोलन को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए राकेश टिकैत ने बताया कि हम तब तक दिल्ली से वापस नहीं जाएंगे, जब तक कानून को लेकर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती। अब केंद्र सरकार को फैसला करना है कि आंदोलन कब खत्म होगा। सरकार सभी मांगे मान ले तो हम भी अपने गांव चले जाएंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर किसान खेत भी देखेंगे और आंदोलन भी।
आंदोलन खत्म करने को लेकर पूछे गए सवाल पर टिकैत ने कहा कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच अब तक 12 दौर की बैठकें हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा है कि बातचीत के जरिये किसानों की सम’स्या का समाधान होगा। लेकिन बैठक को लेकर अभी तक केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का प्रस्ताव किसानों को नहीं मिला है। सरकार जब बुलाए हम बातचीत को तैयार हैं।
24 मार्च तक देश भर में होगी महापंचायत
किसानों द्वारा अपनी फसलें न’ष्ट करने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि हम तो बता रहे हैं कि अभी ऐसा समय नहीं आया है। लेकिन सरकार को भी किसानों से अपील करनी चाहिए कि वे फसल न’ष्ट न करें। इधर, महापंचायतों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हम 24 मार्च तक देशभर में कई महापंचायत करेंगे।
जाहिर है अभी उत्तरप्रदेश से लेकर हरियाणा और पंजाब से लेकर राजस्थान तक के कई शहरों में महापंचायतें हो रहे हैं. वहीं टिकैत का कहना है कि, वह बंगाल और गुजरात में भी पंचायतें करेंगे। ऐसे में अब देखना होगा कि, आगे आने वाले समय में और किस शहर में किसानों की महापंचायत का आयोजन होता है.