किसानो की ट्रैक्टर परेड के बीच आज दिल्ली में जो हंगा’मा हुआ उसको लेकर देश भर में लोग गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. सबसे अधिक उस घट’ना पर जब कुछ प्रदर्शनकारी रूट से अलग जाकर लाल किले पर पहुंच गए. लाल किले पर पहुंच कर अपना झंडा लहरा दिया जिसको लेकर अब सोशल मीडिया पर लोग गुस्सा जाहिर कर रहें है. इसी बीच अब संजय राउत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी इस हंगा’मे को लेकर मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस पर ही पलटवार किया। संजय राउत ने सवाल किया कि, अब इस घट’ना के लिए किसका इस्तीफा मांगा जाएगा।
दरअसल राउत ने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए निशाना साधा और कहा कि, कानून व्यवस्था कंट्रोल नहीं की गई. आपको बता दें कि, आज गणतंत्र दिवस के मौके पर इस तरह की घट’ना पर दुनिया भर की नजर चली गई. वहीं विपक्ष अब इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर अहंकारी होने का आरोप लगा रहे हैं.
संजय राउत ने पूछा अब किसका इस्तीफा मांगा जाएगा?
दरअसल शिवसेना नेता संजय राउत ने एक एक बाद कई ट्वीट किये हैं. उन्होंने कहा कि, कानून लोगों के लिए बनाए जाते हैं, अगर लोग खुश नहीं हैं तो ये कानून किसके लिए हैं? आज हुई हिं’सा का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि यदि कोई और सरकार होती तो उससे तुरंत इस्तीफा मांगा जाता, कानून व्यवस्था कौन देख रहा है? उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा कि अब ममता बनर्जी या उद्धव ठाकरे का इस्तीफा मांगें.
राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘दिल्ली में कानून-व्यवस्था बा’धित हो गई है. यह सरकार की विफलता है. इस अरा’जकता के लिए, दिल्ली में कदम उठाए गए. वो किससे इस्तीफा मांगेंगे? सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार या जो बाइडन? इस मामले पर इस्तीफा ..इस्तीफा दिया जाता है साहब..’ बता दें कि, राउत ने तीन ट्वीट किये हैं जिसमे एक मराठी में है और दो अन्य हिंदी में किये हैं. उन्होंने इस हंगामे को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि, वह किसानों की बात नहीं मान रही और अपने अहंकार में बैठी है.
किसानों का समर्थन करते हुए सरकार पर साधा निशाना
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि, हम किसानों की मांग के साथ हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करते हैं. लेकिन दिल्ली में हुई हिं’सा की निंदा करते हैं.’ उन्होंने कहा कि यदि किसान नेताओं ने सरकार से शांतिपूर्ण प्रदर्शन का वादा किया था तो उसे पूरा करना चाहिए था.’
संजय राउत ने कहा, ‘आज दिल्ली की सड़कों पर जो दृश्य देखने को मिला वह न तो आंदोलनकारियों को शोभा देता है और न ही सरकार को. दो महीनों से चला आ रहा किसानों का आंदोलन, लेकिन अचानक क्या हो गया? ऐसा आंदोलन तो विश्व में कहीं नहीं हुआ था. क्या सरकार इस दिन का इंतजार कर रही थी, क्या सरकार किसानों के सब्र का बांध टूटने का इंतजार कर रही थी?’
मार्च में हंगा’मे के लिए दिल्ली पुलिस जिम्मेदार- टिकैत
दरअसल किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, जब हमें पुलिस ने तय रूट दिया था, तो इसके बाद भी उन रूट पर बेरिकेड कर दिए. तो यह पुलिस की गलती है , वहीं जो किसान लाल किले और रिंग रोड पर पहुंचे उनसे टिकैत ने अपील की वह सभी वापस आ जाएँ। साथ ही उन्होंने कहा कि, यह हमारे आंदोलन को खराब करने और इसकी छवि बिगाड़ने के लिए राजनीतिक दलों ने सा’जिश की और यह सब हो रहा है. हम इसकी जांच करेंगे और उनकी पहचान करके सामने लाएंगे।
टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, इस पूरे हं’गा’मे और हिं’सा के लिए दिल्ली पुलिस ही जिम्मेदार है. वह कहते हैं कि, हम तो अपना शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे थे. कुछ लोगों ने इस मार्च को बद’नाम करने के लिए सा’जिश रची है.
रूट से हटकर कुछ किसान पहुंचे लाल किला
बता दें कि, मार्च शुरू होने के बाद कई किसान अपने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में प्रवेश किये और लाल किले पर अपनी हुं’कार भरते नजर आये. बता दें कि, आज गणतंत्र दिवस के मौके पर जहां राजपथ पर जवानों की परेड हुई. तो वहीं इधर किसानों का ट्रैक्टर मार्च भी अपने चर’म पर आ गया. बताया जा रहा है कि, किसानों ने तय समय से पहले ही अपना ट्रैक्टर मार्च शुरू कर दिया है.
हजारों किसान लाल किले में घुसे हुए हैं और अपना शक्ति प्रद’र्शन किया. दरअसल यह सब तब हुआ जब किसानों का एक धड़ा तय रूट से अलग चला गया और बैरिकेड तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश किये. किसानों को रोकने के लिए पुलिस आंसू गैस छोड़ छोड़े। साथ ही कई जगहों पर किसानों पर ला’ठी चार्ज की गई.
60 दिनों तक शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद गणतंत्र पर हंगा’मा
पिछले 60 दिनों से दिल्ली में जो किसानों का शां’तिपूर्ण प्रद’र्शन चल रहा था. उसने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च में जम’कर हंगा’मा हुआ और पूरा आंदोलन एक तरह से खराब कर दिया.
लेकिन आज के इस हंगा’मे की वजह से किसानों के आंदोलन को काफी नुकसान हो सकता है और कई किसान नेता भी यह मान रहे हैं कि, आज की घट’ना से उनका आंदोलन काफी कमजोर पड़ जाएगा।