बिहार में इन दिनों विकास द’म तोड़ता हुआ नजर आ रहा है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं यह आप समझ ही गए होंगे। अगर नहीं समझे तो हम आपको बताते हैं कि, आखिर ऐसा क्यों कहा जा रहा है. जाहिर है इन दिनों बिहार के गोपालगंज में बने एक सत्तरघाट पुल (Sattarghat Bridge) की हर तरफ चर्चा हो रही है. इसके पीछे की वजह है इसका बारिश के साथ ही ढ’ह जाना। हैरानी वाली बात यह है कि, इस पुल का खुद प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था.
पुल के निर्माण हुए अभी एक महीना भी नहीं गुजरा की बिहार में हो रही झ’मा’झम बारिश के साथ ही यह भी बह गया. अब इस मामले को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर जबरदस्त ह’मलावर है.
8 सालों में बनकर तैयार हुआ पुल और गि’रने में नहीं लगे एक महीने
जी हां बिहार में इस इस गति से विकास हो रहा है कि, बड़े बड़ों का ध्यान उसकी ओर आकर्षित हो रहा है. 264 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल 264 दिन भी नहीं चल सका. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुल का उद्घाटन किया था. लोगों का कहना है कि एक माह पूर्व ही इस पुल का उद्घाटन हुआ था. पानी के ज्यादा द’बाव के कारण पुल टू’ट गया है. लोगों के आने-जाने का लिंक स’माप्त हो गया है. इधर के लोगों का लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया जाने का लिंक बंद हो गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि, इसको बनने में करीब 8 सालों का समय लगना बताया जा रहा है.
ये पुल गोपालगंज (Sattarghat Bridge in Gopalganj) को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था. बता दें कि गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गं’डक के इतने बड़े जलस्तर के द’बाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टू’ट गया. वहीं अब इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं. आम नगरिकों से लेकर वि’पक्षी दल नीतीश सरकार के सुशासन और विकास के दावों को लेकर उनपर ह’मलावर हो गए हैं.